लालकिले की प्राचीर से पीएम मोदी ने ऐलान किया कि अगले महीने पारंपरिक कौशल वाले लोगों के लिए विश्वकर्मा योजना लॉन्च करेंगे। भारत ने पिछले साल आजादी के 75 साल पूरे किए और ‘अमृत काल’ में प्रवेश किया, जो 2047 तक देश को एक विकसित राष्ट्र बनाने के लिए 25 साल की अवधि है। पीएम मोदी ने वादा किया कि देश अगले 25 सालों में हर हाल में विकसित राष्ट्र बनेगा। उन्होंने कहा कि यह देश के सामर्थ के आधार पर है। विश्वकर्मा योजना में 15 हजार करोड़ रुपये लगाएं जाएंगे। उन्होंने कहा कि हमनें आयुष्मान भारत योजना के तहत 70 हजार करोड़ रुपये लगाए हैं।
क्या है विश्वकर्मा कौशल सम्मान योजना?
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने फरवरी में पेश हुए आम बजट के दौरान इस योजना की घोषणा की थी। इसके तहत न केवल आर्थिक मदद दी जानी है, बल्कि ट्रेनिंग, मॉडर्न टेक्नोलॉजिज के बारे में बताना और ग्रीन तकनीक, ब्रांड का प्रमोशन, स्थानीय और वैश्विक बाजारों से जुड़ाव के साथ डिजिटल पेमेंट्स और सामाजिक सुरक्षा की भी बात शामिल है। पीएम मोदी ने लाल किले की प्राचीर से कहा कि सरकार देश के हर एक विश्वकर्मा को संस्थागत समर्थन मुहैया कराएगी। इसके जरिए लोन लेने में आसानी, हुनर, टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में मदद, डिजिटल सशक्तिकरण, कच्चा माल और मार्केटिंग जैसे कार्य को आसान बनाना शामिल है।
विश्वकर्मा कौशल सम्मान योजना की बड़ी बातें
- आर्थिक सहयोग
- एडवांस स्किल ट्रेनिंग
- लेटेस्ट टेक्नोलॉजी तक पहुंच
- पेपरलेस पेमेंट्स
- व्यापक स्तर और वैश्वक बाजार तक कारीगरों की पहुंच
- वहीं बढ़ई, लुहार, मूर्तिकार, राजमिस्त्री और अन्य कारीगर, जैसे कई वर्ग को मिलेगा फायदा