उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जिले में एक मंदिर परिसर में हो रही खुदाई के दौरान शिवलिंग और मूर्तियों सहित कई अन्य प्राचीन धार्मिक वस्तुएँ मिली हैं। यह खुदाई मराठाकालीन मंदिर में बने एक कुएँ और उसके आसपास करवाई जा रही है। खुदाई करा रहे लोगों का कहना है कि जल्द ही मूर्तियों की वैदिक विधि-विधान से प्राण-प्रतिष्ठा करवाई जाएगी। सोमवार (12 फरवरी, 2024) को प्रशासनिक अधिकारियों ने भी मंदिर का दौरा किया। मामले की जाँच पुरातत्व विभाग से करवाने की माँग की जा रही है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, खुदाई का यह कार्य गोटेश्वर महादेव मंदिर पर चल रहा है। सिद्धपीठ बाग़ शिवाला स्थित यह मंदिर मंडी समिति रोड पर है। 35 वर्षों से बंद पड़े इस मंदिर को 11 दिसंबर, 2020 को जिला प्रशासन ने जिले के प्रबुद्ध लोगों को सौंपा था। यह माँग ‘विश्व हिन्दू परिषद’ (VHP) ने उठाई थी। कुछ समय पहले यहाँ की साफ़-सफाई श्रद्धालुओं द्वारा करवाई का रही थी। इसी दौरान एक प्राचीन कुआँ भी साफ किया जाने लगा। जब कुएँ में श्रमिकों ने लगभग 15 फ़ीट खुदाई की वो उसमें मूर्तियाँ निकलना शुरू हुईं।
खबर फैलते ही आसपास के लोगों की भीड़ जमा हो गई। थोड़ी खुदाई और करने पर कुएँ से शिवलिंग, माता पार्वती, नंदी, भगवान गणेश व बजरंग बली की मूर्तियाँ निकलीं। इसी दौरान एक शंख भी मिला जो अभी तक बज रहा है। मंदिर समिति के सदस्य अनिल त्यागी ने बताया कि कुछ शिलालेख भी मिले हैं। इस बाबत उन्होंने जिले के प्रशासनिक अधिकारियों को सूचित कर दिया। सूचना पर सहारनपुर के कई वरिष्ठ अधिकारी मौके पर पहुँचे। मंदिर समिति के सदस्यों ने उनसे मूर्तियों की पुरातत्व विभाग से जाँच करवाए जाने की माँग की है। उनका दावा है कि ये मूर्तियाँ मराठों द्वारा स्थापित की गई हैं। समिति के सदस्यों के मुताबिक मंदिर के आसपास की जमीनों को कुछ लोगों द्वारा कब्ज़ा भी करने की कोशिश की जा रही थी।
अनिल त्यागी का यह भी दावा है कि और खुदाई करने पर मंदिर के अंदर से तहखाना भी निकलेगा। सोमवार को मंदिर पहुँचे जिले के कई सीनियर अधिकारियों ने मंदिर समिति से खुदाई का काम रोक देने की अपील की। फिलहाल खुदाई रोक दी गई है। आगे की खुदाई संभवतः प्रशासन द्वारा आधिकारिक देखरेख में कार्रवाई जाएगी। मंदिर समिति के सदस्यों ने प्रशासन से माँग की है कि मंदिर के प्राचीनता की जाँच पुरातत्व विभाग से करवाई जाए। पुजारी एकता परिषद ने ऐलान किया है कि वो निकल रही मूर्तियों की विधि-विधान से मंदिर परिसर में प्राण-प्रतिष्ठा करवाएँगे।