साल 1965 भारत पाकिस्तान के बीच युद्ध चल रहा था गुजरात में भुज के आसपास एक भारतीय हेलीकॉप्टर उड़ रहा था यह हेलीकॉप्टर एक पाकिस्तानी लड़ाकू विमान के निशाने पर था दुश्मन देश के लड़ाकू विमान में बैठे फ्लाइट लेफ्टिनेंट बुखारी और फ्लाइंग ऑफिसर कैस हुसैन ने अपने कमांड से पूछा कि इसका क्या करना है यह तो एक सिविलियन हेलीकॉप्टर है उधर से जो जवाब आया और उसके बाद कैश हुसैन ने जो किया वो पाकिस्तान के दामन पर हमेशा के लिए एक दाग बन गया. इस हेलीकॉप्टर में गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री बलवंत राय मेहता थे उनकी पत्नी सरोज बेन थी एक पत्रकार थे और तीन सहयोगी थे.
अप्रैल 1965 में शुरू हुआ भारत पाकिस्तान युद्ध सितंबर तक चला पाकिस्तान को इस युद्ध में मुंह की खानी पड़ी लेकिन यह युद्ध जाते-जाते एक ऐसा जख्म दे गया कि जब भी गुजरात की बात आती है यह जख्म हरा हो जाता है दरअसल 19 सितंबर 1965 को तत्कालीन मुख्यमंत्री बलवंत राय मेहता को एक रैली को संबोधित करने के लिए अहमदाबाद से करीब 4500 किमी दूर द्वारका के मीठापुर जाना था दोपहर का भोजन लेने के बाद वह रैली में शामिल होने के लिए अहमदाबाद हवाई अड्डे के
लिए रवाना हो गए उनके साथ उनकी पत्नी सरोज बेन उनके तीन सहयोगी और गुजरात समाचार का एक संवाददाता भी था. जैसे ही वह हवाई अड्डा पहुंचे भारतीय वायु सेना के पूर्व पायलट जहांगीर जंगू इंजीनियर ने उन्हें सैल्यूट किया.
अहमदाबाद से उड़ान भरने के कुछ ही समय बाद मुख्यमंत्री बलवंत राय मेहता का हेलीकॉप्टर पाकिस्तानी सेना के रडार में आ गया जिसके तुरंत बाद पाकिस्तान के मौरी पूर एयरबेस पर फ्लाइट लेफ्टिनेंट बुखारी और फ्लाइंग ऑफिसर कैस हुसैन को निर्देश दिया गया कि भुज के पास एक भारतीय विमान का पीछा करें पाकिस्तान के फ्लाइंग ऑफिसर कैस ने बीबीसी को बताया था कि स्क्रैंबल का सायरन बजने के 3 मिनट बाद मैंने जहाज स्टार्ट किया बदन रडार स्टेशन ने 20000 फीट की ऊंचाई पर उड़ान भरने की सलाह दी इसी ऊंचाई पर कैश ने भारत की सीमा भी पार कर ली 4 मिनट बाद पाकिस्तानी एयरबेस से कैश को नीचे आने का मैसेज मिला कैस को 3000 फीट की ऊंचाई पर एक भारतीय हेलीकॉप्टर दिखाई दिया जो भूज की तरफ जा रहा था.
कैस ने उस हेलीकॉप्टर को मिठा गांव के ऊपर इंटरसेप्ट किया तब पता चला कि वो एक सिविलियन हेलीकॉप्टर है कैस ने बीबीसी को बताया था कि जब मैंने देखा कि यह सिविलियन हेलीकॉप्टर है तो मैंने तुरंत फायरिंग शुरू नहीं की मैंने अपने कंट्रोलरको रिपोर्ट किया कि एक असैनिक जहाज है और इस पर विक्टर टैंगो लिखा हुआ है यह आठ सीटर हेलीकॉप्टर है बताइए इसका क्या करना है. जिसके बाद कैस को कंट्रोल रूम से मैसेज आता है कि आप वहीं रहे और निर्देश का इंतजार करें. कैश बताते हैं कि इंतजार करते-करते तीन-चार मिनट गुजर गए थे. मैं काफी नीचे उड़ रहा था इसलिए मुझे फिक्र हो रही थी कि वापस जाते समय मेरा ईंधन खत्म ना हो जाए.
लेकिन तभी मुझे हुक्म दिया गया कि आप इस हेलीकॉप्टर को शूट कर दें लेकिन कैश ने फिर से उस हेलीकॉप्टर को शूट नहीं किया उन्होंने दोबारा कंट्रोल रूम से इस बात की तस्दीक की कि क्या सही में उस हेलीकॉप्टर को मार गिरा दिया जाए इस पर कंट्रोल रूम से आदेश मिला कि जी हां इसे तुरंत शूट करें. कैस बताते हैं कि मैंने 100 फीट की दूरी से उस पर निशाना लेकर एक बस्ट फायर किया मैंने देखा कि उसके बाएं विंग से कोई चीज उड़ी है उसके बाद मैंने अपनी स्पीड धीमी कर उसे थोड़ा लंबा फायर दिया फिर मैंने देखा कि उसके दाहिने इंजन से लपटे निकलने लगी हैं. फिर उसने नोज ओवर किया और 90 डिग्री की स्टीप ड्राइव लेता हुआ जमीन की तरफ गया जैसे ही उसने जमीन को हिट किया वह आग के गोले में बदल गया और मुझे तब लग गया कि हेलीकॉप्टर में बैठे सभी लोग मारे गए हैं.
हालांकि शूटिंग से पहले भारतीय हेलीकॉप्टर ने पाकिस्तानी लड़ाकू विमान को बार-बार संकेत देने की कोशिश की थी कि वह एक असैनिक विमान है जब पाकिस्तानी विमान ने भारतीय विमान को इंटरसेप्ट किया था तब भी उसने अपने विंग्स को हिलाना शुरू कर दिया था. जिसका मतलब होता है “हैव मर्सी ऑन मी” यानी “मुझ पर दया करो” बावजूद उसे मार गिराया गया. 19 सितंबर की शाम 7:00 बजे के बुलेटिन में आकाशवाणी ने बताया कि एक पाकिस्तानी विमान ने भारत के एक सिविलियन हेलीकॉप्टर को मार गिराया है जिसमें गुजरात के मुख्यमंत्री बलवंत राय मेहता सवार थे. इसके बाद पूरे देश में सन्नाटे की लहर दौड़ गई. इस घटना में मुख्यमंत्री बलवंत राय मेहता की पत्नी एक पत्रकार समेत कुल सात लोग मारे गए थे. शायद यह पहला मौका था जब भारत और पाकिस्तान की लड़ाई के बीच एक असैनिक विमान को निशाना बनाया गया था और बलवंत राय मेहता भारत के पहले राजनेता थे जो सीमा पर एक सैनिक एक्शन में मारे गए थे. इस घटना के 46 साल बाद 2011 में पाकिस्तान के फ्लाइंग ऑफिसर कैस हुसैन ने मुख्यमंत्री बलवंत राय मेहता के हेलीकॉप्टर को निशाना बनाने के लिए उनकी बेटी से माफी मांगी थी.