उप-राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ‘युगपुरुष’ करार दिया है। उन्होंने कहा कि महात्मा गाँधी पिछली सदी के महापुरुष थे लेकिन पीएम मोदी मौजूदा शताब्दी के ‘युगपुरुष’ हैं। उन्होंने कहा कि जहाँ महात्मा गाँधी ने सत्याग्रह और अहिंसा का इस्तेमाल कर के हमें गुलामी से मुक्ति दिलाई, वहीं भारत के सफल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हमें प्रगति के उस रास्ते पर लेकर गए हैं जहाँ हम हमेशा से जाना चाहते थे। जैन संत श्रीमद राजचंद्र जी की जयंती के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में उन्होंने ये बातें कहीं।
इसके बाद भाजपा विरोधी उनकी आलोचना करने लगे। वो कहने लगे कि क्या एक उप-राष्ट्रपति को इस तरह का बयान देना चाहिए? वैसा इसमें गलत कुछ भी नहीं है क्योंकि नरेंद्र मोदी न सिर्फ लगातार दूसरा कार्यकाल पूरा कर के बतौर प्रधानमंत्री हैट्रिक लगाने जा रहे हैं, बल्कि देश के सबसे लोकप्रिय नेता भी हैं। वहीं इसके बाद सोशल मीडिया पर हामिद अंसारी ट्रेंड होने लगे। वही हामिद अंसारी, जो 10 वर्षों तक भारत के उप-राष्ट्रपति रहे और देश से इतना कुछ मिलने के बावजूद उनका रुख इस्लामी कट्टरपंथियों वाला है।
एक महिला यूजर ने याद दिलाया कि राहुल गाँधी के जो चमचे जगदीप धनखड़ के बयान से आक्रोशित हो रहे हैं, उन्हें हामिद अंसारी पसंद हैं जिन्होंने ईरान में भारत का राजदूत रहते भारतीय ख़ुफ़िया एजेंसी RAW के सेटअप को उजागर कर दिया था। उन्होंने एक पाकिस्तानी पत्रकार को आमंत्रित किया, जो वहाँ की ख़ुफ़िया एजेंसी ISI का एजेंट बन कर सूचनाएँ जुटाने आया था। उक्त यूजर ने लिखा कि कॉन्ग्रेस ने हमेशा अपने राजनीतिक फायदों के लिए देश की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ किया था।
याद दिला दें कि रॉ के पूर्व अधिकारी एनके सूद ने 2019 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर हामिद अंसारी के रोल की जाँच करने की माँग की थी। सूद ने 1991 में भारतीय अधिकारी संदीप कपूर के अपहरण का भी जिक्र किया था। इस मामले में हामिद अंसारी पर लापरवाही का आरोप भी लगा था। सूद ने बताया था कि रतन सहगल नाम का व्यक्ति हामिद अंसारी का सहयोगी था। उस दौरान वो आईबी में था। रतन सहगल ने ही वैज्ञानिक नाम्बी नारायणन को साजिश में फँसाया था और उनका कैरियर तबाह कर दिया।
सूद ने यह भी खुलासा किया था कि हामिद अंसारी का करीबी होने के कारण रतन सहगल अक्सर उन्हें डराया करता था। सने ही नाम्बी नारायणन को फँसाने के लिए जासूसी के आरोपों का जाल बिछाया। ऐसा उसने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की छवि बिगाड़ने के लिए किया। रतन जब आईबी में था तब उसे अमेरिकन एजेंसी सीआईए के लिए जासूसी करते हुए धरा जा चुका था। अब वह सुखपूर्वक अमेरिका में जीवन गुजार रहा है।