कॉन्ग्रेस नेता राहुल गाँधी (Rahul Gandhi US Visit) इस समय अमेरिका दौरे पर हैं। भारत को बदनाम करने की नीयत से वे विदेशी जमीन से एक के बाद एक प्रोपेगेंडा कर रहे हैं। इसी क्रम में उन्होंने यह बताने की कोशिश की है कि भारत में सिखों को पगड़ी और कड़ा पहनने तक की इजाजत नहीं है।
कॉन्ग्रेस नेता ने कहा है, “भारत में लड़ाई इस बात को लेकर है कि क्या एक सिख को भारत में पगड़ी पहनने की इजाजत दी जाएगी? क्या एक सिख को भारत में कड़ा पहनने की इजाजत दी जाएगी या वह गुरुद्वारा जा सकेगा? लड़ाई इसी बात को लेकर है और यह सिर्फ सिखों के लिए नहीं है, यह सभी धर्मों के लिए है।”
#WATCH | Herndon, Virginia, USA: Lok Sabha LoP and Congress MP Rahul Gandhi says, "Three months before elections our bank accounts were all sealed… We were discussing that now what to do…I said 'Dekhi Jayegi', let's see what we can do .. and we went into the elections…" pic.twitter.com/dW6U1Hdq7y
— ANI (@ANI) September 9, 2024
दिलचस्प यह है कि राहुल गाँधी उसी राजीव गाँधी के पुत्र हैं, जिनके प्रधानमंत्री रहते हुए स्वतंत्र भारत में सिखों का नरसंहार हुआ था। जिन्होंने इस नरसंहार का यह कह बचाव किया था कि जब भी कोई बड़ा पेड़ गिरता है तो धरती थोड़ी हिलती है। राहुल गाँधी उसी इंदिरा गाँधी के पौत्र हैं जिनकी हत्या के बदले में सिखों का नरसंहार किया गया था। यह नरसंहार पगड़ी-कड़ा से पहचान कर अंजाम दिया गया। इस दौरान हिंसा से गुरुद्वारों को भी अपवित्र किया गया। राहुल गाँधी उसी कांग्रेस पार्टी के नेता हैं, जिससे जुड़े लोगों की इस नरसंहार में संलिप्तता थी।
इस नरसंहार से कांग्रेस की संलिप्तता इस बात से भी समझी जा सकती है कि राहुल गाँधी के प्रोपेगेंडा से ठीक चंद दिन पहले दिल्ली की एक अदालत ने कॉन्ग्रेस के पूर्व सांसद और गाँधी परिवार के करीबी जगदीश टाइटलर पर इस नरसंहार को लेकर मुकदमा चलाने की अनुमति दी है। कोर्ट ने कहा कि है टाइटलर के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (IPC) की अलग-अलग धाराओं के अंतर्गत हत्या, दंगा भड़काने समेत अन्य कई आरोपों में मामला चलाने के लिए पर्याप्त आधार हैं।
टाइटलर से जुड़ा यह मामला दिल्ली के एक इलाके में सिखों के खिलाफ भीड़ को उकसाने और दंगों की अगुवाई करने से जुड़ा है। CBI ने मई 2023 में इस मामले में जो चार्जशीट दाखिल की थी उसमें एक गवाह ने कहा था, “जगदीश टाइटलर ने भीड़ से पहले सिखों को मारने और फिर उनकी दुकानें एवं कीमती सामान लूटने के लिए कहा।” गवाहों ने बताया कि उन्होंने अपनी गाड़ी से उतर कर कहा, “सिखों को मारो, इन्होने हमारी माँ को मार दिया।”
इसी चार्जशीट में एक अन्य गवाह के हवाले से बताया गया है कि तत्कालीन सांसद टाइटलर ने दिल्ली के आजाद मार्केट में गुरुद्वारा पुल बंगश पर हमले के लिए भी उकसाया था। इसके बाद भीड़ ने गुरुद्वारा पुल बंगश को आग लगा दी और 1 नवंबर 1984 को सिख समुदाय के तीन लोगों की हत्या कर दी।
सुलखान सिंह 1980 बैच के आईपीएस अधिकारी रहे हैं। उत्तर प्रदेश जैसे राज्य के पुलिस महानिदेशक रह चुके हैं। उन्होंने कुछ साल पहले बताया था कि इंदिरा गाँधी की हत्या के बाद जो कुछ हुआ वह दंगा नहीं था, बल्कि सुनियोजित नरसंहार था जो राजीव गाँधी के आदेश से हुआ। उन्होंने कहा था, “इस नरसंहार के मुख्य ऑपरेटर थे- जगदीश टाइटलर, अजय माकन और सज्जन कुमार। राजीव गाँधी के मुख्य विश्वासपात्र कमलनाथ इस पूरे नरसंहार की मॉनीटरिंग कर रहे थे। इस नरसंहार को लेकर राजीव गाँधी के बयान और इन सभी आतताइयों को संरक्षण के साथ-साथ अच्छे पदों पर तैनात करना उनकी संलिप्तता के जनस्वीकार्य सबूत हैं। राजीव गाँधी की मृत्यु के बाद भी कॉन्ग्रेस नेतृत्व व सरकारों द्वारा इन व्यक्तियों को संरक्षित करना और उन्हें पुरस्कृत करना, इस सबकी सहमति को दर्शाता है।”
वरिष्ठ अधिवक्ता एचएस फुल्का ने अपनी पुस्तक में इस दौरान दिल्ली के रकाबगंज गुरुद्वारे पर हमले का भी जिक्र किया था। फुल्का ने लिखा है कि भीड़ द्वारा गुरुद्वारा को नुक़सान पहुँचाया गया और 2 सिखों को ज़िंदा जला डाला गया था। फुल्का लिखते हैं कि हत्यारों द्वारा 5 घंटे तक उत्पात मचाया गया और कहा जाता है कि कॉन्ग्रेस नेता कमलनाथ पूरे 2 घंटे तक भीड़ के साथ रहे। तत्कालीन कमिश्नर और एडिशनल कमिश्नर ने भी मौके पर कमलनाथ की मौजूदगी की पुष्टि की थी। अगले दिन इंडियन एक्सप्रेस में भी खबर छपी थी कि कमलनाथ ने ही भीड़ का नेतृत्व किया था।
असल में राहुल गाँधी का यह प्रोपेगेंडा उस साजिश का विस्तार है, जिसे गुरपतवंत सिंह पन्नू जैसे खालिस्तानी आतंकी अरसे से बढ़ाने का प्रयास कर रहे हैं। यह साजिश है सिखों और हिंदुओं को आमने-सामने खड़ा कर देना, जबकि 1984 में जब सिखों पर ‘कॉन्ग्रेसी’ टूट पड़े थे तब सैकड़ों पीड़ितों की जान उनके हिंदू पड़ोसियों ने बचाई थी।
हिंदुओं को जाति के नाम पर बाँटकर सियासी फायदा खोज रहे राहुल गाँधी अब उन्हें आपस में लड़वाकर देश को गृहयुद्ध की ओर धकेलने की कोशिश कर रहे हैं। इसके लिए उन्होंने विदेशी धरती का चयन भी जान-बूझकर किया है, क्योंकि भारत विरोधी गतिविधियों में संलिप्त खालिस्तानियों को भी विदेशी जमीनों पर पनाह मिली हुई है।
यही कारण है कि बीजेपी नेता आरपी सिंह ने राहुल गाँधी को इस बयान को लेकर कोर्ट में घसीटने की चुनौती दी है। सिंह ने कहा है कि कॉन्ग्रेस की सरकार में सिखों की पगड़ी उतारी जाती थी। हर सिख की चेकिंग होती थी। दिल्ली में 3000 सिखों का कत्लेआम किया गया था। उनकी पगड़ियाँ उतारी। केश काटे। दाढ़ी काटे। उनकी ककार उतारे। उन्हें तेल डालकर, पेट्रोल डालकर, कोई स्पेशल पाउडर डालकर, गले में टायर डालकर जलाया गया।
#WATCH | Delhi: "…3000 Sikhs were massacred in Delhi, their turbans were taken off, their hair was chopped off and beard was shaved…He (Rahul Gandhi) doesn't say that this happened when they (Congress) were in power…I challenge Rahul Gandhi to repeat in India what he is… https://t.co/fOnkpaWW0V pic.twitter.com/kUJPpkC2ak
— ANI (@ANI) September 10, 2024
बीजेपी नेता ने कहा, “राहुल गाँधी यह नहीं बताते कि यह सब कॉन्ग्रेस के सत्ता में रहते हुए हुआ। यह नहीं कहते कि यह तब हुआ, जब कॉन्ग्रेस सरकार में थी। मैं राहुल गाँधी को चुनौती देता हूँ कि वह सिखों के बारे में जो कह रहे हैं, उसे हिंदुस्तान में कहें। मैं उनके खिलाफ केस दर्ज करूँगा। मैं उन्हें कोर्ट में घसीटूँगा।’