तीसरी बार पूर्ण बहुमत के साथ सत्ता में आने से चूकी बीजेपी ने सदस्यता अभियान पर फोकस किया है. बीजेपी पूरे देश में नए सिरे से 10 करोड़ सदस्य बनाएगी. विनोद तावड़े को पार्टी ने इस अभियान की जिम्मेदारी दी है. चुनाव के ठीक बाद बीजेपी की तरफ से सदस्यता अभियान चलाने की 2 बड़ी वजहें बताई जा रही है.
पहली वजह पार्टी इस अभियान के जरिए संगठन को फिर से सक्रिय करना चाहती है, जिससे हालिया चुनाव के बाद सामने आए कील-कांटे को दुरुस्त किया जा सके. अभियान चलाने की दूसरी वजह नए वोटर्स हैं. चुनाव आयोग के मुताबिक भारत में पहली बार वोट करने वाले मतदाताओं की संख्या करीब 2 करोड़ हैं.
संख्या और समीकरण से इतर बीजेपी के इस अभियान ने पार्टी के कई राज्य इकाईयों की टेंशन बढ़ा दी है. इसकी वजह केंद्रीय आलाकमान की ओर से मिलने वाला टारगेट है.
किसके पास सबसे टफ टास्क?
शुरुआत सबसे बड़े प्रदेश उत्तर प्रदेश से
भारतीय जनता पार्टी ने उत्तर प्रदेश में 2 करोड़ नए सदस्य बनाने का लक्ष्य रखा है. अभियान को सफल बनाने के लिए खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ फ्रंटफुट पर खेल रहे हैं. यूपी में बीजेपी ने सांसदों और विधायकों की जिम्मेदारी तय कर दी है. कहा जा रहा है कि बीजेपी के सांसद 20 हजार और विधायक 10 हजार नए सदस्य बनाएंगे. विधायक वाला फॉर्मूला विधानपरिषद सदस्य और सांसद वाला फॉर्मूला राज्यसभा सांसद पर लागू होगा.
यूपी में बीजेपी के पास 251 विधायक, 79 विधानपरिषद, 33 लोकसभा सांसद और 24 राज्यसभा सांसद हैं. कहा जा रहा है कि इस फॉर्मूले से बीजेपी कम से कम यूपी मे 40 लाख नए सदस्य बनाना चाहती है.
पार्टी ने महापौर को 20 हजार, नगर पालिका अध्यक्ष को 5 हजार, नगर पंचायत अध्यक्ष को दो हजार, निगम पार्षद को एक हजार नए सदस्य बनाने की जिम्मेदारी दी है. क्षेत्रीय अध्यक्ष इन कामों की मॉनिटरिंग करेंगे.
उत्तर प्रदेश की आबादी करीब 24 करोड़ के आसपास है. चुनाव आयोग के मुताबिक देश के सबसे बड़े सूबे में 18 साल से ज्यादा उम्र के रजिस्टर्ड मतदाताओं की संख्या 15.3 करोड़ है.
अमित शाह के अध्यक्ष बनने के बाद 2015 में जब बीजेपी ने सदस्यता अभियान चलाया था. उस वक्त के मौजूद आंकड़ों के मुताबिक यूपी और उत्तराखंड में बीजेपी के 1 करोड़ 82 लाख सदस्य थे. कहा जाता है कि इनमें से करीब 1 करोड़ 70 लाख सदस्य उत्तर प्रदेश से थे.
एमपी में 1.5 करोड़ सदस्य बनाने का टारगेट
मध्य प्रदेश में बीजेपी ने 2023 के विधानसभा और 2024 के लोकसभा चुनाव में एकतरफा जीत हासिल की है. पार्टी अब वोट को सदस्यता के रूप में बदलने की कोशिशों में जुट गई है. मध्य प्रदेश में बीजेपी ने 1.5 करोड़ नए सदस्य बनाने का टारगेट रखा है.
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने सदस्यता अभियान को लेकर बड़ा ऐलान किया है. उन्होंने कहा है कि जो भी नेता इस अभियान में सफल होंगे, उन्हें सरकार में बड़ी जिम्मेदारी दी जाएगी. कहा जा रहा है कि यादव का इशारा बोर्ड और निगम के पदों की ओर था.
मध्य प्रदेश में बीजेपी उन विधानसभा सीटों पर सदस्य बढ़ाने की रणनीति तैयार कर रही है, जिन पर उसे अब तक जीत नसीब नहीं हुई है. मध्य प्रदेश की कुल आबादी 8 करोड़ की है. चुनाव आयोग के मुताबिक राज्य में करीब साढ़े चार करोड़ मतदाता हैं.
2015 के आंकड़ों के मुताबिक मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में बीजेपी के करीब 1 करोड़ 12 लाख सदस्य थे. कहा जाता है कि मध्य प्रदेश में बीजेपी के करीब 70-80 लाख सदस्य हैं.
राजस्थान में 1 करोड़ का टारगेट, कमेटी गठित
बीजेपी की सत्ता राजस्थान में भी है और वहां भी जोर-शोर से पार्टी सदस्यता अभियान की मुहिम चलाने जा रही है. राजस्थान में भारतीय जनता पार्टी ने 1 करोड़ सदस्य बनाने का लक्ष्य रखा है. इसके लिए पार्टी की तरफ से एक कमेटी भी बनाई गई है.
पूर्व मंत्री अरुण चतुर्वेदी को सदस्यता अभियान टोली का प्रदेश संयोजक बनाया गया है. मोतीलाल मीणा, विजेंद्र पूनिया, अनिता भदेल, निर्मल कुमावत और आईदान भाटी को टोली का सह-संयोजक बनाया गया है.
2015 के आंकड़ों के मुताबिक राजस्थान में बीजेपी के पास अभी 77 लाख कार्यकर्ता हैं. राज्य की कुल आबादी 8 करोड़ है. केंद्रीय चुनाव आयोग के मुताबिक राजस्थान में 5 करोड़ 32 लाख वोटर्स हैं.
बिहार में लक्ष्य छोटा, क्योंकि यहां राह आसान नहीं
बीजेपी बिहार की सत्ता में भी है, लेकिन गठबंधन के साथ. यहां पार्टी ने 1 करोड़ नए सदस्य बनाने का लक्ष्य रखा है. बीजेपी ने यहां 100 लोगों पर एक सदस्य बनाने का फॉर्मूला दिया है. सांसद अतुल गर्ग को बिहार में बीजेपी सदस्यता अभियान का प्रभारी बनाया गया है.
दिलचस्प बात है कि बिहार के प्रभारी महासचिव विनोद तावड़े पूरे देश में बीजेपी के इस सदस्यता अभियान को लीड कर रहे हैं.
बिहार में सदस्यता अभियान इस मायने में भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि राज्य में अगले साल विधानसभा के चुनाव होने हैं. 2015 के आंकड़ों के मुताबिक बिहार और झारखंड में भारतीय जनता पार्टी के करीब 93 लाख सदस्य हैं. झारखंड में बीजेपी के करीब 20-25 लाख सदस्य हैं.
हालिया बिहार सरकार के जनगणना के मुताबिक राज्य की आबादी करीब 12 करोड़ है. चुनाव आयोग के मुताबिक इनमें 3.6 करोड़ मतदाता हैं.
गुजरात में 2 करोड़ सदस्य बनाने का लक्ष्य
पिछले 30 साल से गुजरात बीजेपी का अभेद्य किला बना हुआ है. पार्टी ने यहां के मतदाताओं को बड़े स्तर पर सदस्य बनाकर शिफ्ट कराने की रणनीति पर काम कर रही है. बीजेपी ने गुजरात में 2 करोड़ नए सदस्य बनाने का लक्ष्य रखा है. गृह मंत्री अमित शाह खुद इसकी मॉनिटरिंग कर रहे हैं.
शाह ने हाल ही में एक बैठक में सभी नेताओं से इस अभियान में जुटने के लिए कहा है. 2015 के आंकड़ों के मुताबिक गुजरात में बीजेपी के 1 करोड़ 13 लाख सदस्य हैं. राज्य की आबादी करीब 7.2 करोड़ के आसपास है.
चुनाव आयोग के मुताबिक गुजरात में करीब 5 करोड़ मतदाता हैं. बीजेपी अगर अपने इस अभियान में सफल होती है तो राज्य के 50 प्रतिशत से ज्यादा वोटर्स एक पार्टी के सदस्य बन जाएंगे. जो एक रिकॉर्ड होगा.
कौन बन सकता है बीजेपी का सदस्य?
बीजेपी संविधान की धारा-9 में सदस्यता के बारे में विस्तार से बताया गया है. पार्टी संविधान के मुताबिक 18 वर्ष या उससे ज्यादा उम्र के कोई भी भारतीय नागरिक पार्टी की सदस्यता ले सकता है. हालांकि, सदस्यता लेने के लिए उन्हें कुछ शर्तों का पालन अवश्य करना होगा. मसलन, पार्टी में शामिल होने के वक्त सदस्य किसी दूसरी पार्टी का मेंबर न हो. पार्टी की सदस्यता शुल्क जमा कराने को राजी हो.
बीजेपी में दो तरह के सदस्य होते हैं. एक सक्रिय सदस्य और दूसरे सदस्य. सक्रिय सदस्य होने के लिए 3 साल की सदस्यता अनिवार्य है.