दिल्ली हाईकोर्ट के जज यशवंत वर्मा के बंगले से नकदी मिलने के विवाद के बाद, सुप्रीम कोर्ट का यह स्वतः संज्ञान लेना और संपत्ति व नियुक्तियों की जानकारी सार्वजनिक करना न्यायिक साख को मजबूत करने की कोशिश है।
मुख्य बिंदु:
✅ संपत्ति का विवरण सार्वजनिक:
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सुप्रीम कोर्ट ने 1 अप्रैल 2025 को निर्णय लिया था कि सभी न्यायाधीशों की संपत्ति का ब्यौरा वेबसाइट पर अपलोड किया जाएगा।
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5 मई को वेबसाइट पर जानकारी डाली गई, लेकिन फिलहाल केवल 21 जजों की संपत्ति की जानकारी ही सार्वजनिक है।
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शेष 12 जजों ने जानकारी सौंप दी है, जिसे जल्द वेबसाइट पर अपलोड किया जाएगा।
🔥 यशवंत वर्मा विवाद की पृष्ठभूमि:
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दिल्ली हाईकोर्ट के जज यशवंत वर्मा के घर 14 मार्च को आग लगी थी।
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फायर ब्रिगेड को अधजले नोट बरामद हुए, जिससे न्यायपालिका की साख पर सवाल उठे।
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इस घटना के बाद सुप्रीम कोर्ट ने पारदर्शिता बढ़ाने की दिशा में त्वरित निर्णय लिया।
🧾 न्यायाधीशों की नियुक्ति प्रक्रिया का खुलासा:
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सुप्रीम कोर्ट ने अपनी वेबसाइट पर नियुक्तियों की प्रक्रिया का विवरण साझा किया है:
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केंद्र/राज्य सरकार से इनपुट
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सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम की भूमिका
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9 नवंबर 2022 से अब तक 221 नामों की सिफारिश, जिनमें से 29 को मंजूरी मिली।
📊 सामाजिक न्याय का पहलू:
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मंजूर किए गए 29 में से:
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OBC: 21
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EBC: 7
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SC: 7
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ST: 5
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🔗 रिश्तेदारी की जानकारी भी साझा की गई:
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सुप्रीम कोर्ट ने यह भी बताया कि सिफारिश किए गए 11 में से:
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6 के पिता
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3 के रिश्तेदार
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1-1 के भाई और ससुर वर्तमान या पूर्व जज हैं।
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महत्व और संभावित प्रभाव:
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यह निर्णय न्यायपालिका में भरोसे और पारदर्शिता को बढ़ावा देगा।
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संपत्ति खुलासा न्यायिक जवाबदेही की दिशा में एक स्वागत योग्य कदम है।
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न्यायिक वंशवाद या पारिवारिक नियुक्तियों पर भी निगरानी और विमर्श शुरू हो सकता है।
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कॉलेजियम व्यवस्था की आलोचना झेलती रही है, लेकिन यह पारदर्शिता उसकी जवाबदेही की एक मिसाल पेश कर सकती है।