देश के प्रधानमंत्री की सुरक्षा की कमान विशेष सुरक्षा दल (SPG) के पास होती है। अब एसपीजी की कमान भारतीय पुलिस सेवा के अतिरिक्त महानिदेशक (एडीजी) स्तर के अधिकारी के पास होगी। गृह मंत्रालय की ओर से इसको लेकर अधिसूचना जारी की गई है। इसमें कहा गया है कि पहले की तरह एसपीजी का मुख्यालय नई दिल्ली में होगा। बीते साल एसपीजी उस वक्त चर्चा में जब पंजाब दौरे पर गए पीएम नरेंद्र मोदी की सुरक्षा में चूक हुई थी। आपको बताते हैं कि एसपीजी एक्ट क्या है, क्यों इसकी जरूरत पड़ी और इस पर कितना खर्चा आता है।
अक्टूबर 1984 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या हो गई थी। उनकी हत्या के बाद अधिकारियों ने तय किया कि प्रधानमंत्री की सुरक्षा एसपीजी करे। इसके लिए 1988 में संसद में एसपीजी एक्ट पारित किया गया और इस तरह से एसपीजी का गठन हुआ।
देश में अभी एसपीजी सुरक्षा सिर्फ मौजूदा प्रधानमंत्री को ही मिलती है। पहले एसपीजी सुरक्षा पूर्व प्रधानमंत्री और उनके परिवार के सदस्यों को भी मिलती थी, लेकिन मोदी सरकार ने कानून में संशोधन किया। इसमें प्रवधान किया गया कि सिर्फ मौजूदा प्रधानमंत्री को ही एसपीजी की सुरक्षा मिलेगी।
एसपीजी सुरक्षा में भारी-भरकम खर्चा आता है। अभी पीएम की सुरक्षा में रोजाना करीब 1 करोड़ 17 लाख रुपये खर्च होते हैं। कुछ वर्षों पहले पीएम मोदी के अलावा एसपीजी सुरक्षा सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी को भी मिलती थी। लिहाजा, एसपीजी सुरक्षा पर खर्चा भी काफी बढ़ गया था।
एसपीजी कमांडो चार स्तर पर पीएम की सुरक्षा करते हैं। एसपीजी के 24 कमांडो पीएम की सुरक्षा में तैनात रहते हैं। एसपीजी कमांडो फुली ऑटोमेटिक गन FNF-2000 असॉल्ट राइफल से लैस होते हैं। इनके पास GLOCK 17 नाम की एक पिस्टल भी होती है।
एसपीजी के जवानों के साथ पीएम के काफिले में एक दर्जन गाड़ियां होती हैं। काफिले में बीएमडब्ल्यू 7 सीरीज की सिडान, बीएमडब्ल्यू एक्स3 और एक मर्सिडीज बेंज कार होती है। इसके अलावा काफिले में एक ऐंम्बुलेंस, टाटा सफारी जैमर भी होती है।