CISF का 56वां स्थापना दिवस: ग्रेट इंडियन कोस्टल साइक्लोथॉन का आयोजन
सेंट्रल इंडस्ट्रियल सिक्योरिटी फोर्स (CISF) इस साल अपना 56वां स्थापना दिवस खास अंदाज में मना रही है। पहली बार, CISF ने “ग्रेट इंडियन कोस्टल साइक्लोथॉन” का आयोजन किया है, जो न केवल एक खेल आयोजन है, बल्कि तटीय सुरक्षा और राष्ट्रीय सुरक्षा को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है।
साइक्लोथॉन की प्रमुख बातें
- थीम: “सुरक्षित तट, समृद्ध भारत”
- शुभारंभ: 7 मार्च, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह वर्चुअली हरी झंडी दिखाएंगे।
- स्थान: तक्कोलम, रानीपेट जिला, तमिलनाडु (CISF क्षेत्रीय प्रशिक्षण केंद्र)।
- लक्ष्य: तटीय सुरक्षा को मजबूत करना, मछुआरों को जागरूक करना और तस्करी, ड्रग्स व हथियारों की अवैध गतिविधियों पर ध्यान केंद्रित करना।
महत्वपूर्ण यात्रा विवरण
- कुल साइकिल चालक: 125 CISF जवान, जिनमें 14 महिला जवान शामिल हैं।
- यात्रा की कुल दूरी: 6,553 किलोमीटर
- अवधि: 25 दिन
- रोजाना सफर: जवान 95 से 180 किलोमीटर तक साइकिल चलाएंगे।
- प्रशिक्षण: सभी साइकिल चालकों को एक महीने का कठोर प्रशिक्षण दिया गया है।
रूट और प्रमुख पड़ाव
पश्चिमी तट:
- गुजरात: लखपत
- महाराष्ट्र: सूरत, मुंबई
- गोवा
- कर्नाटक: मंगलौर
- केरल: कोच्चि
पूर्वी तट:
- पश्चिम बंगाल: बक्खाली, हल्दिया
- ओडिशा: कोणार्क, पारादीप
- आंध्र प्रदेश: विशाखापट्टनम (वाइजेक)
- तमिलनाडु: चेन्नई, पांडिचेरी
- समापन: कन्याकुमारी में स्वामी विवेकानंद मेमोरियल
साइक्लोथॉन का उद्देश्य
- राष्ट्रीय सुरक्षा और तटीय निगरानी को मजबूत करना।
- तस्करी, ड्रग्स, हथियारों और विस्फोटकों की तटीय क्षेत्रों में बढ़ती गतिविधियों को रोकने के प्रति जागरूकता फैलाना।
- स्थानीय मछुआरों को सुरक्षा अभियान से जोड़ना, ताकि वे सुरक्षा एजेंसियों को किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना दे सकें।
- CISF के जवानों की शारीरिक और मानसिक दृढ़ता को बढ़ावा देना।
CISF का संदेश:
CISF का मानना है कि यह साइक्लोथॉन सिर्फ एक खेल आयोजन नहीं, बल्कि तटीय सुरक्षा को और मजबूत करने का एक बड़ा अभियान है। इससे स्थानीय समुदाय और सुरक्षा बलों के बीच समन्वय बढ़ेगा और भारत के समुद्री तटों की रक्षा को और अधिक प्रभावी बनाया जा सकेगा।