जी-20 शिखर सम्मेलन के बाद पूरी दुनिया में भारत की सराहना हो रही है। लेकिन मीडिया में एक रिपोर्ट ऐसी आई है जिससे सम्मेलन में शामिल हुए चीन के इरादों को लेकर संदेह पैदा हो रहा है। इसके अनुसार चीन प्रतिनिधिमंडल अपने साथ एक ‘असामान्य साइज’ का सूटकेस लेकर होटल ताज में आया था। अलग और प्राइवेट इंटरनेट कनेक्शन की डिमांड रखी थी। इसको लेकर करीब 12 घंटे तक होटल में तनाव की स्थिति बनी रही थी।
चीनी प्रतिनिधिमंडल दिल्ली के होटल ताज पैलेस में ठहरा हुआ था। डिप्लोमेटिक बैगेज’ की साइज को लेकर स्पष्ट निर्देश दिए गए थे। लेकिन चीनी प्रतिनिधिमंडल में शामिल एक व्यक्ति के पास असामान्य साइज का बैग था। बावजूद इसके डिप्लोमेटिक प्रोटोकॉल को ध्यान में रखते हुए सुरक्षाकर्मियों ने उसे बैग लेकर अंदर जाने की इजाजत दी। यह घटना 7 सितंबर 2023 की है।
होटल के स्टाफ को रूम विजिट के दौरान इस बैग में संदिग्ध उपकरण होने का संदेह हुआ। उसने इसकी जानकारी ऊपर के लोगों को दी। इसके बाद चीनी स्टाफ से इस बैग को स्कैनर से गुजारने को कहा गया है। लेकिन उन्होंने इनकार कर दिया। चीनी प्रतिनिधिमंडल का कहना था कि जो बैग अंदर आ चुका है, उसकी स्कैनिंग का क्या तुक बनता है। इसके कारण करीब 12 घंटे तक माहौल तनावपूर्ण बना रहा। इस विवाद का निपटारा संदिग्ध बैग को चीनी दूतावास भेजने की रजामंदी के साथ हुआ।
इतना ही नहीं चीनी दल ने होटल के इंटरनेट कनेक्शन का इस्तेमाल करने से भी इनकार कर दिया था। प्राइवेट कनेक्शन की डिमांड रखी थी। लेकिन इसे होटल ने अस्वीकार कर दिया था। वैसे यह स्पष्ट नहीं है कि संदिग्ध बैग में चीनी दल किस तरह का उपकरण लेकर आया था और अलग इंटरनेट कनेक्शन की उनकी डिमांड के पीछे क्या मंशा थी। रिपोर्ट में ताज पैलेस होटल में सुरक्षा से जुड़े सूत्र के हवाले से कहा गया है, “तीन सदस्यीय सुरक्षा दल को कमरे के बाहर करीब 12 घंटे तक पहरा देना पड़ा। इसके बाद एक चीनी सुरक्षा अधिकारी इस बैग को अपने दूतावास भेजने को तैयार हुए।”
उल्लेखनीय है कि इसी होटल में ब्राजील को राष्ट्रपति भी ठहरे हुए थे। ब्राजील अगले जी-20 शिखर सम्मेलन की मेजबानी करेगा। नई दिल्ली में हुए सम्मेलन में चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग शामिल नहीं हुए थे। उनकी जगह चीन के प्रधानमंत्री ली कियांग ने अपने देश के प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व किया था।