उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विपक्षी पार्टियों की जमकर क्लास लगाई है। उन्होंने विपक्ष पर देश को पीछा धकेलने और योजनाओं का लाभ पक्षपातपूर्ण तरीके से देने का आरोप लगाया है। इस दौरान उन्होंने केंद्र की मोदी सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं की तारीफ भी की। उन्होंने आयुष्मान भारत योजना, जन-धन खाता योजना और स्वच्छ भारत मिशन का नाम लेते हुए पूर्व सरकारों पर निशाना साधा है।
कुबेर का खजाना नहीं मिला
सीएम योगी आदित्यनाथ ने विपक्षी दलों से पूछा कि पीएम आवास योजना, स्वच्छ भारत मिशन के तहत शौचालय प्रदान करना, जन-धन खाता योजना, आयुष्मान भारत योजना या बाकी सभी योजनाएं जो हैं, ये योजनाएं पहले क्यों नहीं चली? उन्होंने कहा कि देश तो वही है, आय के स्त्रोत भी वही है। ऐसा नहीं है कि प्रधानमंत्री मोदी के आने के बाद कोई कुबेर का खजाना मिला हो और उन्होंने बांटना शुरू कर दिया।
#WATCH | Lucknow: UP CM Yogi Adityanath says, "From Atma Nirbhar Bharat to our duties as a citizen, we have to end the mentality of slavery, we have to be proud of our heritage. The attempts to divide society are a hindrance on the path of development… Those who don't want… pic.twitter.com/3CwgCovyuc
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) November 30, 2023
पिछली सरकारों का एजेंडा नहीं था
सीएम योगी ने विपक्ष पर बरसते हुए कहा कि पहले गरीबों, आम लोगों, किसान, महिलाएं और युवा सरकार के एजेंडे में नहीं थे। पहले योजनाओं का लाभ पक्षपातपूर्ण होता था। उन्होंने कहा कि आज देश में 50 करोड़ लोग आयुष्मान भारत योजना से लाभ प्राप्त कर रहे हैं। उत्तर प्रदेश में लगभग 10 करोड़ लोगों के इस सुविधा का लाभ उपलब्ध करवाया जा रहा है।
#WATCH | Lucknow: UP CM Yogi Adityanath says, "All these schemes, PM Awas Yojana, providing toilets under PM Swachh Bharat mission, Jan-Dhan account scheme, Ayushman Bharat Yojana etc,… all the other schemes that are there, why did these schemes run before this? This is the… pic.twitter.com/NMEiw1rCPT
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) November 30, 2023
विपक्ष पीछे धकेलने का काम कर रही
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विपक्ष पर विकास के एजेंडे को पीछे धकेलने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि आत्मनिर्भर भारत से लेकर एक नागरिक कर्तव्य तक, हमें गुलामी की मानसिकता को समाप्त करना है। हमें अपनी विरासत पर गौरव की अनुभूति भी करनी है। समाज को बांटने की कोशिशें विकास की राह में बाधक हैं। जो लोग विकास नहीं चाहते, वे समाज को वंशवाद की राजनीति, जातिवाद और आस्था के आधार पर बांटकर और विकास के एजेंडे को पीछे धकेलने का काम कर रहे हैं।