सीबीआइ ने आज (22 फरवरी) 2019 में जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ में किरू हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट में 2,200 करोड़ रुपये के भ्रष्टाचार के मामले में पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक के परिसरों सहित 30 से अधिक स्थानों पर छापे मारे। बता दें कि जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक द्वारा इस प्रोजेक्ट में भ्रष्टाचार का मुद्दा उठाया गया था।
मुझे 300 करोड़ रुपये की रिश्वत की पेशकश की गई थी: सत्यपाल मलिक
23 अगस्त 2018 से 30 अक्टूबर 2019 के बीच जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल रहे सत्यपाल मलिक ने दावा किया था कि उन्हें दो फाइलों को मंजूरी देने के लिए 300 करोड़ रुपये की रिश्वत की पेशकश की गई थी। इसके बाद सीबीआइ ने पिछले साल अप्रैल में एक मामला दर्ज किया था।
इसके मामले में जांच एजेंसी ने कई अधिकारियों और व्यक्तियों से जुड़े परिसरों पर पिछले तीन मौकों पर तलाशी ली थी। मामला दर्ज करने के बाद सीबीआइ ने पिछले साल अप्रैल में 10 स्थानों पर और जून 2022 में 16 स्थानों पर तलाशी ली। इस साल मई में भी 12 स्थानों पर तलाशी ली गई थी।
एजेंसी ने कई अधिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज किया
सीबीआई ने पहले कहा था, “2019 में किरू हाइड्रो इलेक्ट्रिक पावर प्रोजेक्ट (एचईपी) के लगभग 2,200 करोड़ रुपये के सिविल कार्यों का ठेका एक निजी कंपनी को देने में कदाचार के आरोप में मामला दर्ज किया गया था।”
एजेंसी ने चिनाब वैली पावर प्रोजेक्ट्स (पी) लिमिटेड के पूर्व अध्यक्ष नवीन कुमार चौधरी और अन्य पूर्व अधिकारियों एम एस बाबू, एम के मित्तल और अरुण कुमार मिश्रा और पटेल इंजीनियरिंग लिमिटेड के खिलाफ मामला दर्ज किया है।
किरू हाइड्रो इलेक्ट्रिक प्रोजेक्ट में भ्रष्टाचार के क्या हैं आरोप?
यह आरोप है कि कीरू जलविद्युत परियोजना से संबंधित सिविल कार्यों के आवंटन में, ई-टेंडरिंग के संबंध में दिशानिर्देशों का पालन नहीं किया गया. यह भी आरोप लगाया गया कि सीवीपीपीपीएल की 47वीं बोर्ड बैठक में निर्णय लिया गया था कि रिवर्स ऑक्शनिंग के साथ ई-टेंडरिंग के माध्यम फिर से क्रॉन्ट्रैक्ट आवंटित किया जाएगा. लेकिन चल रही निविदा प्रक्रिया को रद्द करने के बाद, इसे लागू नहीं किया गया और सीवीपीपीपीएल की 48वीं बोर्ड बैठक में पिछली मीटिंग के निर्णय को उलट दिया गया.
सत्यपाल मलिक के पूर्व प्रेस सचिव के यहां भी पड़ चुकी है रेड
सीबीआई ने इस केस के सिलसिले में गत दिनों जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक के प्रेस सचिव रहे सुनक बाली के दिल्ली स्थित ठिकानों पर रेड डाली थी. दक्षिणी दिल्ली की डिफेंस कॉलोनी और वेस्ट एंड में उनके परिसरों पर छापे मारे गए थे. सीबीआई के एक शीर्ष अधिकारी के अनुसार, धन की हेराफेरी के मामले भ्रष्टाचार की शिकायत करने वाले को ही परेशान कर रही है. जब मैं जम्मू-कश्मीर का राज्यपाल था, तो वह मेरे प्रेस सलाहकार थे और इस कार्य के लिए कोई सरकारी वेतन नहीं लेते थे’.
कीरू हाइड्रो इलेक्ट्रिक प्रोजेक्ट क्या है?
कीरू हाइड्रो इलेक्ट्रिक प्रोजेक्ट (624 मेगावाट) जम्मू और कश्मीर के किश्तवाड़ जिले में स्थित चिनाब नदी पर प्रस्तावित है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों पर कैबिनेट समिति (सीसीईए) ने 7 मार्च 2019 को चिनाब वैली पावर प्रोजेक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड (सीवीपीपीपीएल) द्वारा कीरू पनबिजली परियोजना (624 मेगावाट) के निर्माण के लिए निवेश को मंजूरी दी थी. इस परियोजना को पूरा करने में 4287.59 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत आएगी. इसके निर्माण की जिम्मेदारी चिनाब वैली पावर प्रोजेक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड (CVPPPL) नाम की कंपनी के पास है, जो एनएचपीसी, जम्मू-कश्मीर राज्य विद्युत विकास निगम (JKSPDC) और पीटीसी (PTC) का एक जॉइंट वेंचर है.