वंदे भारत स्लीपर ट्रेन का श्रीनगर और नई दिल्ली के बीच परिचालन, भारत के रेलवे इतिहास में एक महत्वपूर्ण अध्याय जोड़ने जा रहा है। यह ट्रेन उधमपुर-श्रीनगर-बारामुल्ला रेल लिंक पर चलेगी और 26 जनवरी, 2025 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा हरी झंडी दिखाकर रवाना किए जाने की उम्मीद है। इस परियोजना के सफल कार्यान्वयन ने कश्मीर घाटी के लिए नई संभावनाओं के द्वार खोले हैं और इस क्षेत्र के विकास में एक बड़ा योगदान दिया है।
प्रमुख विशेषताएं और लाभ:
- भारत की पहली वंदे भारत स्लीपर ट्रेन:
- यह ट्रेन सेमी-हाई-स्पीड होगी, जो यात्रियों को तेज, आरामदायक और सुरक्षित सफर का अनुभव देगी।
- ट्रेन में स्लीपर कोच होने से यह लंबी दूरी के यात्रियों के लिए बेहद अनुकूल होगी।
- दिल्ली से कश्मीर तक सीधा रेल संपर्क:
- पहली बार दिल्ली और कश्मीर घाटी के बीच सीधी रेल सेवा शुरू होगी।
- यह कश्मीर घाटी को भारत के शेष हिस्सों से जोड़ेगा, जिससे लोगों और सामान का निर्बाध आवागमन संभव होगा।
- तकनीकी चुनौतियों पर विजय:
- टनल और ट्रैक निर्माण: ऊंचे पहाड़ों को चीरकर अत्याधुनिक तकनीकों का उपयोग करके टनल और ट्रैक बनाए गए।
- चिनाब पुल: दुनिया का सबसे ऊंचा रेल पुल, जो 359 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है, इस प्रोजेक्ट की सबसे बड़ी उपलब्धियों में से एक है।
- पर्यटन और अर्थव्यवस्था को बढ़ावा:
- यह ट्रेन कश्मीर में पर्यटन को नई ऊंचाईयों तक ले जाएगी।
- कश्मीर के स्थानीय उत्पादों और हस्तशिल्प को देश के अन्य हिस्सों में आसानी से पहुंचने का अवसर मिलेगा।
- आधुनिक सुविधाएं:
- ट्रेन में अत्याधुनिक सुरक्षा प्रणाली और आरामदायक स्लीपर कोच होंगे।
- यात्रियों के लिए ऑन-बोर्ड भोजन, इंटरनेट, और स्मार्ट सुविधाओं की भी व्यवस्था होगी।
चुनौतियां और परियोजना का महत्व:
- 32 सालों की मेहनत: इस परियोजना पर काम 1990 के दशक में शुरू हुआ था, लेकिन भौगोलिक और राजनीतिक चुनौतियों ने इसे मुश्किल बना दिया।
- भौगोलिक बाधाएं: ऊंचे पहाड़, भारी बर्फबारी, और कठिन जलवायु के बावजूद, भारतीय रेलवे ने इस महत्वाकांक्षी परियोजना को पूरा किया।
राष्ट्रीय एकता का प्रतीक:
यह रेल सेवा कश्मीर को भारत के बाकी हिस्सों से जोड़ने का सपना साकार करती है। यह न केवल एक भौगोलिक संपर्क है, बल्कि कश्मीर को मुख्यधारा में लाने और इसके आर्थिक विकास में योगदान देने का माध्यम भी है।
नॉर्दर्न रेलवे के इस ऐतिहासिक कार्य ने यह साबित कर दिया है कि जब इच्छाशक्ति और आधुनिक तकनीक का मेल होता है, तो कोई भी चुनौती बड़ी नहीं होती। वंदे भारत स्लीपर ट्रेन न केवल कश्मीर के विकास का प्रतीक होगी, बल्कि यह भारतीय रेलवे की वैश्विक क्षमताओं का भी प्रदर्शन करेगी।
ठंड में बेहद उपयोगी होगी ट्रेन
कश्मीर का अधूरा सपना अब बहुत जल्द पूरा होने जा रहा है। जब देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहले वंदे भारत ट्रेन को फ्लैग ऑफ करेंगे और इस समय का इंतजार अब कश्मीर के लोग बड़ी बेसब्री से कर रहे हैं। दिल्ली से श्रीनगर के बीच चलने वाली यह ट्रेन ऑल वेदर कनेक्टिविटी ट्रेन मानी जा रही है। इस लिहाज से ठंड में जब बर्फबारी के कारण हाईवे बंद हो जाता है और एयरलाइंस के दाम आसमान छू जाते हैं, उस समय यह ट्रेन आम लोगों के लिए एक लाइफ लाइन साबित होगी। इस ट्रेन से ना सिर्फ आम लोगों को राहत मिलेगी, बल्कि पर्यटन और डिफेंस के लिए भी यह ट्रेन काफी मददगार साबित हो सकती है।
13 घंटे में पूरा करेगी सफर
वंदे भारत देश में सबसे लेटेस्ट और तेज ट्रेन मानी जाती है। कश्मीर की ऊंची-ऊंची पहाड़ियों के बीच और दुनिया के सबसे ऊंचे ब्रिज से गुजरकर कश्मीर की खूबसूरत वैली में दाखिल होने वाली यह ट्रेन दिल्ली से श्रीनगर तक 800 किलोमीटर का सफर 13 घंटे से भी कम समय में तय करेगी। नई दिल्ली-श्रीनगर वंदे भारत स्लीपर ट्रेन अंबाला कैंट जंक्शन, लुधियाना जंक्शन, कठुआ, जम्मू तवी, श्री माता वैष्णो देवी कटरा, संगलदान और बनिहाल सहित कुछ प्रमुख स्टेशनों पर ही रुकेगी।