रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की जम्मू-कश्मीर यात्रा
स्थान: श्रीनगर, बादामी बाग छावनी
तारीख: गुरुवार, ऑपरेशन सिंदूर के बाद पहली यात्रा
मुख्य घटनाएं:
-
पाकिस्तानी हथियारों के मलबे का निरीक्षण
-
शत्रु द्वारा दागे गए गोले और मिसाइल अवशेषों की प्रदर्शनी देखी
-
सैन्य अधिकारियों से मौजूदा हालात की विस्तृत समीक्षा
-
सीमा पर तैनात सैनिकों से बातचीत और उनका मनोबल बढ़ाना
राजनाथ सिंह के प्रमुख बयान
“भारत अब सिर्फ डिफेंस नहीं करता, हम जरूरत पड़ने पर डेसाइसिव स्ट्राइक भी करते हैं।”
“ऑपरेशन सिंदूर भारत के इतिहास में आतंक के खिलाफ अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई है।”
“उन्होंने भारत के माथे पर वार किया, हमने उनकी छाती पर घाव किया।”
“पाकिस्तान ने भारत को धोखा दिया, इसका खामियाजा उसे भारी कीमत चुकाकर भुगतना पड़ा है।”
रणनीतिक संदेश
-
यह यात्रा केवल सैनिकों का मनोबल बढ़ाने का माध्यम नहीं थी, बल्कि भारत के शत्रुओं और दुनिया को यह स्पष्ट संदेश भी था:
“नया भारत आतंकवाद को बर्दाश्त नहीं करता, वह जवाबी हमला करता है – और वह निर्णायक होता है।”
विशेष विश्लेषण: ऑपरेशन सिंदूर का प्रभाव
पहलू | प्रभाव |
---|---|
सैन्य दृष्टिकोण | भारत की ऑपरेशनल क्षमता और इंटेलिजेंस कौशल का प्रदर्शन |
कूटनीतिक असर | भारत को अंतरराष्ट्रीय समर्थन; पाकिस्तान पर दबाव |
आंतरिक राजनीति | राष्ट्रीय सुरक्षा को लेकर सरकार की मजबूत छवि |
आतंकी नेटवर्क | पीओके और पाकिस्तान में गहरी क्षति |
ऑपरेशन सिंदूर: भारत की सबसे बड़ी सैन्य कार्रवाई
ऑपरेशन का उद्देश्य
-
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी नरसंहार (26 नागरिकों की हत्या) का निर्णायक जवाब देना।
-
PoK व पाकिस्तान के अंदर मौजूद आतंकी कैंप्स, लॉन्च पैड्स, कम्युनिकेशन हब, और सप्लाई चेन को नेस्तनाबूद करना।
-
आतंकियों को संरक्षण देने वाले पाकिस्तानी सेना के सहयोगी ठिकानों को भी निशाना बनाना।
ऑपरेशन की प्रमुख उपलब्धियां
लक्ष्य | परिणाम |
---|---|
PoK में 40+ आतंकी ठिकाने | नष्ट किए गए |
पाकिस्तानी वायुसेना के 11 एयरबेस | प्रमुख क्षति पहुँची |
कमांड एंड कंट्रोल सेंटर + रडार सिस्टम | निष्क्रिय कर दिए गए |
ड्रोन, मिसाइल लॉन्च पैड, हथियार डिपो | तबाह |