भारत और पाकिस्तान के अलग-अलग इलाकों में मंगलवार की दोपहर डेढ़ बजे के आस-पास भूकंप के झटके महसूस किए गए. भारत की राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली और इससे सटे एनसीआर के इलाकों में भी भूकंप के ये झटके महसूस किए गए. भूकंप के ये झटके काफी देर तक महसूस किए गए हैं. बताया जा रहा है कि भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 5.4 मापी गई है. हालांकि अभी तक न ही भारत और न ही पाकिस्तान के किसी इलाके से भूकंप के चलते किसी भी प्रकार के नुकसान की कोई जानकारी मिली है.
नेशनल सेंटर फॉर सिस्मोलॉजी के मुताबिक भूकंप की तीव्रता 5.4 बताई गई है. भूकंप का केंद्र जम्मू कश्मीर के डोडा में बताया जा रहा है. भूकंप का केंद्र डोडा में जमीन की सतह से 6 किलोमीटर नीचे है. भूकंप का केंद्र कारगिल से 158 किलोमीटर, हिमाचल प्रदेश स्थित मनाली से 163 किलोमीटर दूर है. इस भूकंप का असर भारत के सरहदी इलाकों से जुड़े पाकिस्तान के कई इलाकों में भी दिखाई दिया. जानकारी के मुताबिक पाकिस्तान में भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 5.2 मापी गई है.
नेशनल सेंटर फॉर सिस्मोलॉजी के अनुसार भूकंप मंगलवार दोपहर एक बजकर 33 मिनट पर आया और लगभग 30 सेकंड तक इसके झटके महसूस किए गए. राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली से सटे नोएडा में काम करने वाले कई लोगों ने भूकंप के झटके महसूस करने के बात कही. उनका कहना था कि काफी देर तक उन्हें भूकंप के ये झटके महसूस हुए.
जम्मू कश्मीर के एक स्थानीय नागरिक ने बताया कि जब ये भूकंप आया तो बच्चे स्कूल में थे और वो झटकों से घबरा गए. दुकानों से लोग बाहर आ गए. ये बहुत डरावना था. उन्होंने बताया कि पिछले सप्ताह भी भूकंप के झटके महसूस हुए थे, लेकिन इसबार के झटके ज्यादा ताकतवर थे.
धरती की सतह के नीचे टेक्टोनिक प्लेट्स होती हैं. ये प्लेट्स जब आपस में टकराती हैं तो फ्रिक्शन पैदा होता है. इस फ्रिक्शन से पैदा होने वाली एनर्जी, झटको के रूप में रिलीज होती है. यही भूकंप के झटके होते हैं. वैज्ञानिकों का कहना है कि हिमालय के क्षेत्र में टेक्टोनिक प्लेट्स के फ्रिक्शन के चलते काफी तनाव बना हुआ है और जब तक ये रिलीज नहीं हो जाता तब तक इस इलाके में बड़े भूकंप की संभावना बनी हुई है. इस गंभीर चेतावनी के मद्देनजर इस इलाके में स्थिति पर नजर बनाए रखने के लिए 80 सिसमिक स्टेशन भी बनाए जा चुके हैं. इन इलाकों में अक्सर भूकंप आते रहते हैं.