जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद के खिलाफ सुरक्षाबलों की सख्त और निर्णायक कार्रवाई को दर्शाती है। पहलगाम हमले के बाद से सुरक्षा एजेंसियों का एंटी-टेरर ऑपरेशन पूरे क्षेत्र में और तेज कर दिया गया है।
त्राल, पुलवामा में मुठभेड़:
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स्थान: नादेर गांव, त्राल (पुलवामा ज़िला, दक्षिण कश्मीर)
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स्थिति: सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच मुठभेड़ जारी
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आतंकियों की संख्या: अनुमानतः 2 से 3
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बलों की तैनाती: पुलिस, सेना और अर्धसैनिक बलों की संयुक्त कार्रवाई
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पुलिस बयान: “एनकाउंटर शुरू हो चुका है, और डिटेल्स जल्द साझा की जाएंगी।”
J&K | Encounter has started at Nader, Tral area of Awantipora. Police and security forces are on the job. Further details shall follow. pic.twitter.com/ZICOdoXcbX
— ANI (@ANI) May 15, 2025
शोपियां ऑपरेशन (मंगलवार):
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ऑपरेशन का नाम: ऑपरेशन केलर
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स्थान: शोकल केलर क्षेत्र, शोपियां
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नतीजा: लश्कर-ए-तैयबा के 3 आतंकी ढेर
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बल: राष्ट्रीय राइफल्स यूनिट और जम्मू-कश्मीर पुलिस की संयुक्त कार्रवाई
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प्रमुख उपलब्धि: इन तीनों को एक सटीक खुफिया सूचना के आधार पर मार गिराया गया।
सुरक्षा बलों की रणनीति और संकल्प:
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पहलगाम आतंकी हमले के बाद पूरे कश्मीर में सघन तलाशी अभियान और टार्गेटेड ऑपरेशन्स चलाए जा रहे हैं।
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सुरक्षाबलों का उद्देश्य अब “आतंकवाद को जड़ से उखाड़ फेंकना” है।
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आतंकियों की लोकल सपोर्ट चेन को भी तोड़ने की कार्रवाई तेज कर दी गई है।
पृष्ठभूमि – पहलगाम आतंकी हमला:
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हाल में पहलगाम में पर्यटक बस पर आतंकी हमला हुआ था, जिसमें कई निर्दोष लोग घायल हुए।
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इस हमले ने सुरक्षाबलों की सक्रियता और निगरानी को और बढ़ा दिया है।
विश्लेषण और महत्व:
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त्राल और शोपियां जैसे इलाके लंबे समय से आतंकियों की गतिविधियों के गढ़ माने जाते हैं।
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लगातार मुठभेड़ों से यह स्पष्ट संकेत है कि अब सुरक्षा एजेंसियाँ “ऑफेंसिव मोड” में हैं।
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घरेलू और विदेशी आतंकी नेटवर्क पर दबाव बढ़ रहा है — खासकर लश्कर, जैश जैसे संगठनों पर।
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आने वाले अमरणाथ यात्रा और लोकसभा चुनाव परिणामों के बाद की स्थिति को देखते हुए आतंकवाद विरोधी कार्रवाई और तेज हो सकती है।