केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह सोमवार को जम्मू-कश्मीर में अंतरराष्ट्रीय सीमा (आईबी) का दौरा करेंगे. इस दौरान वे हाल ही में आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ में शहीद हुए पुलिसकर्मियों के परिवारों से भी मुलाकात करेंगे. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह भारत-पाकिस्तान सीमा पर एक अग्रिम चौकी का दौरा करेंगे और वहां सुरक्षा स्थिति के साथ विकास पहलों की समीक्षा करेंगे। वे दोपहर में श्रीनगर के लिए रवाना होंगे.
दौरे के प्रमुख बिंदु:
1. सीमा सुरक्षा का जायज़ा – कठुआ (विनय पोस्ट)
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अमित शाह भारत-पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय सीमा पर स्थित BSF की अग्रिम चौकी “विनय पोस्ट” का दौरा करेंगे।
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यहां वे जमीनी सुरक्षा स्थिति, घुसपैठ की कोशिशों और सीमा पर चल रहे विकास कार्यों की समीक्षा करेंगे।
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बीएसएफ जवानों के साथ बातचीत भी संभावित है — यह मनोबल बढ़ाने की दृष्टि से अहम होगा।
2. शहीदों को श्रद्धांजलि व परिवारों से भेंट
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हाल की मुठभेड़ों में शहीद हुए पुलिसकर्मियों के परिजनों से मुलाकात करेंगे।
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अनुकंपा के आधार पर नियुक्ति पत्र भी वितरित किए जाएंगे — यह प्रशासनिक संवेदनशीलता का संकेत है।
3. श्रीनगर में राजभवन बैठकें (8 अप्रैल)
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विकास परियोजनाओं की समीक्षा – जैसे सड़कें, अस्पताल, बिजली, पर्यटन परियोजनाएं आदि।
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सुरक्षा स्थिति पर उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक – जिसमें सेना, CRPF, IB, R&AW, J&K पुलिस के अधिकारी शामिल होंगे।
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शहीद हुमायूं भट्ट के परिवार से मुलाकात – यह एक भावनात्मक और प्रतीकात्मक पहल है।
4. भाजपा संगठनात्मक बैठक
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रविवार को त्रिकुटा नगर में भाजपा विधायकों के साथ बैठक — चुनावी तैयारियों और स्थानीय मुद्दों पर बातचीत।
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शाह ने दोहराया: “राज्य का दर्जा उचित समय पर बहाल होगा।”
सुरक्षा व्यवस्था और अलर्ट
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श्रीनगर में हाई अलर्ट, चेकपोस्ट्स की संख्या बढ़ाई गई।
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ड्रोन सर्विलांस, क्लोज़ मॉनिटरिंग, और शहर की घेराबंदी जैसी व्यवस्थाएं की गईं।
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यह दौरा घाटी में स्थिरता और सामान्य स्थिति लाने की कोशिशों का हिस्सा माना जा रहा है।
राजनीतिक संकेत और पृष्ठभूमि
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पिछले वर्ष अक्टूबर में नगर निगम चुनावों के बाद अमित शाह का यह पहला कश्मीर दौरा है।
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दौरा ऐसे समय में हो रहा है जब:
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लोकसभा चुनाव नज़दीक हैं।
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370 हटने के बाद पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल करने की चर्चाएं तेज हैं।
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सरकार शांति और विकास का संदेश देने में जुटी है।
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नजरिए से देखा जाए तो…
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यह दौरा सुरक्षा, संवेदनशीलता और रणनीति का संगम है।
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एक ओर सीमा की रक्षा व्यवस्था का निरीक्षण, दूसरी ओर शहीदों के परिवारों के साथ मानवीय संवाद — यह “Iron Hand with Soft Heart” नीति का परिचायक है।