केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को कश्मीरी युवाओं को संदेश देते हुए कहा कि घाटी की युवा पीढ़ी का भविष्य बंदूकों और पत्थरों में नहीं बल्कि भारतीय और वैश्विक बाजार में है जो उनकी प्रतिभा का इंतजार कर रहा है. कई परियोजनाओं का उद्घाटन करने के बाद सभा को संबोधित करते हुए, शाह ने कहा कि जिन लोगों ने कश्मीरी युवाओं को बंदूकें और पत्थर सौंपे, वे कभी भी घाटी के युवाओं के शुभचिंतक नहीं थे.
गृहमंत्री ने कहा, ‘कश्मीरी युवाओं का भविष्य बंदूकों और पत्थरों में नहीं है. लैपटॉप उठाएं और आगे बढ़ें क्योंकि बड़े भारतीय और वैश्विक बाजारों में बड़े अवसर आपका इंतजार कर रहे हैं. हम आपकी प्रतिभा का इंतजार कर रहे हैं. मैं कश्मीरी युवाओं से बदलाव का हिस्सा बनने का आग्रह करता हूं.’
#WATCH J&K: Union Home Minister Amit Shah addresses the public during the 'Vitasta' Cultural Festival in Srinagar today… 'Today, Kashmir is moving forward through its art and culture. To the youth of the valley, I would say that those who held stones and weapons in your hands… pic.twitter.com/kYEiqnROPO
— ANI (@ANI) June 23, 2023
शाह ने कहा कि पिछले कुछ सालों में कश्मीर में काफी बदलाव आया है. उन्होंने कहा, ‘स्कूल बंद होने, हड़ताल के आह्वान और विस्फोटों पर नियंत्रण कर लिया गया है और शांति का माहौल है. पिछले साल 1.88 करोड़ पर्यटकों ने कश्मीर का दौरा किया.’
शाह ने बताया, पिछली बार जब वह कश्मीर गए थे, तो कई लोगों ने उनसे शिकायत की थी कि उन्हें टैक्सी नहीं मिल सकीं. उन्होंने कहा, ‘मैं सुनिश्चित करता हूं कि उचित सुरक्षा सत्यापन के बाद प्रत्येक व्यक्ति टैक्सी पाने का हकदार है. एक नियम था कि केवल वे ही लोग नई टैक्सियों के हकदार हैं जिनके पिता या दादा पर टैक्सियां बकाया हैं, लेकिन अब ऐसा नहीं है.’
गांधी, अब्दुल्ला और मुफ्तियों पर कटाक्ष करते हुए शाह ने कहा कि इन तीन परिवारों को कभी भी जमीनी स्तर पर लोकतंत्र को पनपने नहीं दिया गया. उन्होंने कहा, ‘70 साल तक यहां कभी पंचायत चुनाव नहीं हुए. बदलाव सुनिश्चित करने के लिए इच्छा शक्ति की जरूरत है और यह इच्छाशक्ति प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिखाई, जिन्होंने यह सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाया कि जम्मू-कश्मीर में पंचायत चुनाव हों और लोकतंत्र जम्मू-कश्मीर के हर गांव तक पहुंचे.’