जम्मू-कश्मीर के पुंछ और बांदीपोरा जिलों से सामने आई हालिया घटनाएं घाटी में सक्रिय आतंकवादी गतिविधियों और सुरक्षा बलों की सजगता को दर्शाती हैं। इन घटनाओं से स्पष्ट है कि पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद अब भी चुनौती बना हुआ है, लेकिन भारतीय सुरक्षाबल उसकी हर साजिश को नाकाम करने के लिए पूरी तरह सतर्क और सक्रिय हैं।
Jammu & Kashmir | Hideout busted in Hari Marote village in Surankot sector of Poonch district with recovery of five IEDs, say Poonch Police
(Source: Poonch Police) pic.twitter.com/HO36EbKPza
— ANI (@ANI) May 5, 2025
प्रमुख घटनाएं और उनके मायने:
1. पुंछ में आतंकी ठिकाने का भंडाफोड़ (हरि मारोटे, सुरनकोट):
- बरामदगी:
- 5 आईईडी,
- वायरलेस सेट,
- कपड़े
- यह दर्शाता है कि क्षेत्र में आतंकवादी हमले की साजिश चल रही थी, जिसे समय रहते विफल कर दिया गया।
2. फॉक्स होल का खुलासा (30 अप्रैल की मुठभेड़ के बाद):
- यह भूमिगत ठिकाना आतंकियों की दीर्घकालिक मौजूदगी और आत्मनिर्भरता को दर्शाता है।
- इसके भीतर गैस सिलेंडर, सोलर लाइट, हथियार और दैनिक उपयोग की वस्तुएं थीं।
- यह साफ करता है कि आतंकी स्थायी गुप्त अड्डे बनाकर लंबे समय तक रहना और हमला करना चाहते थे।
3. बांदीपोरा में लश्कर से जुड़े OGWs का भंडाफोड़:
- चार संदिग्ध गिरफ्तार, जिनमें से दो (मोहम्मद रफीक खांडे और मुख्तार अहमद डार) से हथियार और ग्रेनेड बरामद हुए।
- इनके खिलाफ UAPA के तहत एफआईआर दर्ज की गई है।
- यह घटना दर्शाती है कि स्थानीय ओवर ग्राउंड वर्कर्स आतंकियों को सहयोग दे रहे हैं, लेकिन सुरक्षा एजेंसियां इन नेटवर्क्स को भी सटीकता से तोड़ रही हैं।
सुरक्षा एजेंसियों की रणनीति:
- सेना, CRPF, SOG और जम्मू-कश्मीर पुलिस के बीच बेहतर इंटेलिजेंस-शेयरिंग और संयुक्त ऑपरेशन का परिणाम है कि इन साजिशों को समय रहते नाकाम किया जा रहा है।
- OGWs के नेटवर्क पर फोकस और घेराबंदी से आतंकी संगठनों की लोकल सप्लाई लाइन कमजोर हो रही है।
निष्कर्ष:
पुंछ और बांदीपोरा की घटनाएं यह बताती हैं कि कश्मीर में आतंकवाद की जड़ें अब भी मौजूद हैं, लेकिन भारतीय सुरक्षा बल लगातार उन्हें उखाड़ने में लगे हैं। खास बात यह है कि आतंकवाद अब छिपकर और प्रॉक्सी नेटवर्क के जरिए आगे बढ़ाया जा रहा है — जिसे स्थानीय समर्थन खत्म कर ही रोका जा सकता है।