22 अप्रैल 2025 को पहलगाम (कश्मीर) में हुए आतंकी हमले का मामला अब सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में आ गया है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि देश में इस हमले को लेकर गहरी चिंता है — न केवल राष्ट्रीय सुरक्षा, बल्कि पर्यटन और क्षेत्रीय अर्थव्यवस्था के दृष्टिकोण से भी।
पहलगाम आतंकी हमला – 22 अप्रैल 2025
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📍 स्थान: बैसरन घाटी, पहलगाम (जम्मू-कश्मीर)
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⚰️ मृतक: 26 लोग (अधिकांश पर्यटक)
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🧨 जिम्मेदारी: TRF (द रेसिस्टेंस फ्रंट), लश्कर-ए-तैयबा का छद्म संगठन
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❗ TRF ने बाद में अपने दावे से इनकार कर दिया
सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका (PIL)
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🗓️ सुनवाई: आज (1 मई 2025)
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🧾 मांगें:
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हमले की न्यायिक जांच — एक रिटायर्ड जज की अध्यक्षता में आयोग गठित हो
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पर्यटक क्षेत्रों में खुफिया नेटवर्क, रीयल-टाइम निगरानी, और त्वरित प्रतिक्रिया बलों की तैनाती
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CRPF और NIA को निर्देश देने की अपील कि वे ठोस सुरक्षा योजना बनाएं
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पहाड़ी और संवेदनशील इलाकों में पर्यटकों की सुरक्षा के लिए सशस्त्र बलों की तैनाती
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भारत के पर्यटन आधारित राज्यों की अर्थव्यवस्था पर हमलों का असर उजागर किया गया
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भारत-पाकिस्तान संबंधों पर असर
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🔺 हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ कड़े कदम उठाए:
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सिंधु जल संधि निलंबित
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अटारी बॉर्डर को बंद किया गया
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🕵️♀️ NIA और जम्मू-कश्मीर पुलिस जांच में जुटी
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💰 तीन संदिग्धों पर ₹60 लाख का इनाम घोषित
इस हमले के प्रभाव
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पर्यटन: घाटी में पर्यटन का सीजन चल रहा था, जिससे बड़ी आर्थिक क्षति
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सुरक्षा: स्पष्ट संकेत कि आतंकी संगठन अभी भी घाटी में सक्रिय हैं, और सुरक्षा व्यवस्था में खामियां
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राष्ट्रीय नीति: PIL से अपेक्षा की जा रही है कि सुप्रीम कोर्ट केंद्र सरकार को पर्यटकों की सुरक्षा के लिए दीर्घकालिक नीति पर काम करने को बाध्य करे