झारखंड की राजधानी राँची में एक बार फिर धार्मिक उबाल पैदा हो गया जब काली मंदिर के सामने प्रतिबंधित मांस मिलने की खबर आई। इस घटना ने पूरे इलाके में हड़कंप मचा दिया। रविवार को काली मंदिर के सामने और राँची के दो अन्य स्थानों पर मांस के टुकड़े बिखरे पाए गए, जिसने लोगों के गुस्से को भड़काने का काम किया। लेकिन कहानी यहीं खत्म नहीं होती – CCTV फुटेज में साफ दिखा कि ये मांस ट्रैक्टर-ट्रॉली में भरकर ले जाया जा रहा था और बोरे गिरते समय किसी ने देखा भी नहीं!
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, रविवार (29 सितंबर 2024) राँची में एचबी रोड, थड़पखना में सुबह 11.15 बजे एक बोरी में प्रतिबंधित मांस मिला, जिसके बाद लोगों का गुस्सा फूट पाया। लोगों ने लालपुर-अलबर्ट एक्का चौक रोड को जाम कर दिया। वरीय पुलिस अधिकारियों के साथ दुर्गा पूजा समिति और बीजेपी के नेता-कार्यकर्ता भी मौके पर पहुँचे और स्थिति को नियंत्रित करने का प्रयास किया, लेकिन लोगों का गुस्सा कम होने का नाम नहीं ले रहा था।
स्थानीय लोगों ने माँग की कि दोषियों को जल्द से जल्द पकड़ा जाए और उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। लोगों ने इसे धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुँचाने का मामला बताते हुए अपनी नाराजगी जाहिर की। मंदिर के पास मांस मिलने की घटना के कारण धार्मिक स्थलों की सुरक्षा पर भी सवाल उठ रहे हैं।
Prohibited meat thrown outside Hindu mandirs in Tharpakhna and 2 other places in Ranchi
Hindu organisation under @BhairavSRanchi and local MLA @bjpcpsingh staged protest demanding action .
Come Hindu festival and such attacks on Hindus is common in Jharkhand.
Hemant Hai Toh… pic.twitter.com/AodoTVMHkt
— Amitabh Chaudhary (@MithilaWaala) September 29, 2024
जब यह हंगामा जारी था, तभी राँची के दो और स्थानों – चडरी सरनास्थल रोड और काली मंदिर रोड पर भी मांस के टुकड़े पाए गए। लेकिन पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए इन स्थानों से मांस को हटा लिया ताकि स्थिति और बिगड़ने न पाए। पर सवाल उठता है कि यह मांस यहाँ पहुँचा कैसे? और आखिरकार इसके पीछे कौन लोग हैं?
ट्रैक्टर-ट्रॉली में भरकर माँस की तस्करी? कितना बड़ा नेटवर्क?
मामले की जाँच में बड़ा खुलासा हुआ जब पुलिस ने CCTV फुटेज खंगाले। राँची के एसपी (ग्रामीण) सुमित अग्रवाल के मुताबिक, CCTV फुटेज में साफ दिखा कि सुबह 11:02 बजे एक ट्रैक्टर-ट्रॉली वहाँ से गुजरी थी, जिसमें से एक बोरी गिर गई थी। उस बोरी में प्रतिबंधित मांस भरा हुआ था। ये मांस सिर्फ एक जगह नहीं, बल्कि तीन अलग-अलग स्थानों पर मिला है, जिससे यह शक और गहरा हो गया है कि राँची में मांस की तस्करी का एक बड़ा नेटवर्क काम कर रहा है।
तीन जगहों पर माँस के टुकड़े बोरियों में भरे पाए गए हैं। ट्रैक्टर-ट्रॉली का पता नहीं चल पाया है। हैरानी की बात है कि पुलिस-प्रशासन सिर्फ लोगों के हंगामे को शांत करने में लगा रहा, और तथ्यों के सामने आने के बावजूद उस पर ध्यान नहीं दिया गया। बड़ा सवाल ये है कि उस ट्रैक्टर का क्या हुआ? उस पर लदे हुए अन्य बोरों में क्या था? अगर ये सबकुछ प्रतिबंधित मांस ही था, तो वो कहाँ से आया था और कहाँ गया? आखिर इसका पता पुलिस कब लगाएगी?
राँची जैसे शहर में खुलेआम और बेखौफ होकर प्रतिबंधित मांस की तस्करी की जा रही है और इतना बड़ा पुलिस-प्रशासन और खुफिया तंत्र क्या कर रहा है? बहरहाल, इस पूरे मामले में हंगामे और विरोध प्रदर्शन को देखते हुए प्रशासन ने इलाके में अतिरिक्त सुरक्षा बल तैनात कर दिए हैं। हालात को शांत करने के लिए पुलिस ने आश्वासन दिया है कि मामले की जाँच तेज कर दी जाएगी और दोषियों को 48 घंटों के भीतर गिरफ्तार किया जाएगा। फिलहाल, पुलिस ने सभी संवेदनशील इलाकों में गश्त बढ़ा दी है और लोगों से अपील की है कि वे अफवाहों पर ध्यान न दें।