झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने रांची जमीन घोटाले में अपनी जमानत याचिका को लेकर सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है। उनका कहना है कि बड़गाई अंचल क्षेत्र के 8.46 एकड़ जमीन घोटाला और मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ईडी की गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली उनकी याचिका पर हाई कोर्ट फैसला नहीं सुना रही है।
28 फरवरी को रखा था फैसला सुरक्षित
न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता की पीठ को सोरेन की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने बताया कि हाईकोर्ट ने उनकी याचिका पर 28 फरवरी को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था, लेकिन अभी तक कोई फैसला नहीं दिया गया है।
ईडी को दिया गया एक सप्ताह का समय
बता दें कि हेमंत सोरेन को प्रवर्तन निदेशालय द्वारा 31 जनवरी को गिरफ्तार किया गया था। उन पर जमीन से जुड़े घोटाले के मामले में धन शोधन का आरोप है। पूर्व सीएम फिलहाल रांची की बिरसा मुंडा जेल में न्यायिक हिरासत में हैं। इस मामले में हाईकोर्ट द्वारा सोरेन की जमानत याचिका पर जवाब देने के लिए ईडी को एक और सप्ताह का समय दिया गया है।
हेमंत सोरेन की ओर से पेश हुए कपिल सिब्बल
हेमंत सोरेन की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता की पीठ को बताया कि हाई कोर्ट ने उनकी याचिका पर 28 फरवरी को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था, लेकिन अभी तक फैसला सुनाया नहीं गया है।
ईडी कथित रूप से जमीन के मूल दस्तावेज में हेराफेरी, छेड़छाड़, जालसाजी, सीएनटी एक्ट से संबंधित प्रतिबंधित श्रेणी की जमीन की प्रकृति बदलकर गलत तरीके से उसकी खरीद-बिक्री के जरिए बड़ी मात्रा में अवैध तरीके से करोड़ों की कमाई करने के मामले की जांच कर रही है।
31 जनवरी को हुई थी हेमंत की गिरफ्तारी
ईडी ने उन्हें जमीन घोटाले के आरोप में 31 जनवरी की रात पूछताछ के दौरान गिरफ्तार किया था। इसके बाद राज्य के परिवहन मंत्री चंपई सोरेन झारखंड में मुख्यमंत्री पद की कुर्सी संभाली। गिरफ्तार करने से पहले ईडी ने उनसे केस के सिलसिले में सात घंटे तक पूछताछ की थी।