झारखण्ड कांग्रेस का X अकाउंट सस्पेंड कर दिया है. न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक, इस हैंडल से केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह का एक डीप फेक वीडियो शेयर किया गया था. इससे पहले झारखंड कांग्रेस के अध्यक्ष राजेश ठाकुर को गृह मंत्री अमित शाह के फर्जी वीडियो मामले की जांच के सिलसिले में दिल्ली पुलिस ने दो मई को तलब किया. दिल्ली पुलिस के स्पेशल सेल की तरफ से 28 अप्रैल को इस संबंध में एक मामला दर्ज किया गया है.
राजेश ठाकुर को दिल्ली पुलिस के ‘इंटेलिजेंस फ्यूजन एंड स्ट्रैटेजिक ऑपरेशन्स’ (आईएफएसओ) कार्यालय में जांच में शामिल होने के लिए कहा गया है. इस पर झारखंड कांग्रेस के अध्यक्ष ने कहा, ‘‘दिल्ली पुलिस से मंगलवार को मुझे नोटिस मिला. लेकिन यह मेरी समझ से परे है कि मुझे नोटिस क्यों दिया गया है. यह अराजकता के अलावा और कुछ नहीं है. ’’
Jharkhand Congress handle withheld by X (formerly known as Twitter) in India, in response to a legal demand
A 'deepfake morphed video' of Union Home Minister Amit Shah was posted on the handle pic.twitter.com/kQKkVJA7LR
— ANI (@ANI) May 1, 2024
कांग्रेस नेता ने कहा कि यदि कोई शिकायत थी तो उन्होंने सबसे पहले सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर मेरे अकाउंट में उपलब्ध सामग्री को सत्यापित करना चाहिए था. चुनाव प्रचार अपने चरम पर है और चुनाव अभियान में मेरी व्यस्तता को समझा जा सकता है. इस स्थिति में, उन्होंने मेरा लैपटॉप और अन्य इलेक्ट्रॉनिक सामान मांगे हैं. चीजों को बिना सत्यापित किये समन जारी करना उचित नहीं है.’’
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि वह इस मामले में विधिक राय ले रहे हैं. दिल्ली पुलिस के विशेष प्रकोष्ठ ने शाह के फर्जी वीडियो को लेकर ‘इंडियन साइबर क्राइम कोऑर्डिनेशन सेंटर’ (आई4सी) की शिकायत पर रविवार को एक प्राथमिकी दर्ज की थी. केंद्रीय गृह मंत्रालय के तहत आने वाले आई4सी की शिकायत में कहा गया है कि वीडियो में शाह का बयान धार्मिक आधार पर मुस्लिमों का कोटा खत्म करने की प्रतिबद्धता की तरफ इंगित करता है, जबकि इस वीडियो में छेड़छाड़ करके वायरल किये गये फर्जी वीडियो को देखकर लगता है कि अमित शाह सभी तरह का आरक्षण खत्म करने की वकालत कर रहे थे.
अमित शाह के डीपफेक वीडियो में क्या है?
बता दें कि तीसरे चरण के चुनाव के पहले फेक वीडियो के माध्यम से भाजपा को एससी, एसटी और ओबीसी आरक्षण का विरोधी साबित करने की कोशिश की गई। जो फेक वीडियो वायरल हो रहा है, उसमें अमित शाह को आरक्षण को असंवैधानिक बताते हुए उसे खत्म करने का ऐलान करते हुए दिखाया गया था। जबकि असली वीडियो में शाह एसटी, एससी और ओबीसी आरक्षण को बनाए रखने की बात कहते हैं।