झारखंड के मंत्री आलमगीर आलम ने शुक्रवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. उन्होंने अपना इस्तीफा राजभवन को सौंप दिया है. आलमगीर आलम पाकुड़ विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस के विधायक हैं. हेमंत सोरेन के इस्तीफे के बाद चंपई सोरेन द्वारा नेतृत्व संभाले जाने के बाद आलमगीर को दोबारा मंत्री पद दिया गया था. आलमगीर के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग मामले में प्रवर्तन निदेशालय जांच कर रही है. ईडी ने उन्हें इस मामले में 15 मई को गिरफ्तार किया था.
वो छह दिनों की ईडी रिमांड में हैं. आलमगीर के वकील ने दावा किया है कि उनके खिलाफ कोई खास आरोप नहीं है. उनकी मामले में कोई प्रत्यक्ष संलिप्तता नहीं है. वकील ने कोर्ट में दावा किया कि ईडी उस व्यक्ति का नाम नहीं बता रही है जिसने पैसा लिया या जिसने अपराध किया. जिस जहांगीर नाम के व्यक्ति के घर से कैश बरामद किया गया है, आलमगीर का उससे कोई संबंध नहीं हैं. जब ईडी ने रिमांड की मांग की तो आलमगीर के वकील ने स्वास्थ्य का हवाला देकर इसका विरोध किया .
ईडी ने दो दिन लगातार की थी पूछताछ
आलमगीर आलम से ईडी ने करीब छह घंटे पूछताछ की थी. इससे एक दिन पहले नौ घंटे पूछताछ चली थी. यह पूछताछ उनके ऑफिस में चली थी जिसके बाद ईडी ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया था. आलमगीर उस वक्त ईडी की रडार पर आए थे जब उनके निजी सचिव संजीव कुमार लाल को अरेस्ट किया गया था.
आलमगीर से पहले झारखंड के पूर्व सीएम हेमंत सोरेन को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पूछताछ के बाद गिरफ्तार किया गया था. उसकी गिरफ्तारी के बाद झारखंड में नेतृत्व परिवर्तन देखने को मिला था.
पीएस और नौकर पहले से है जेल में
आलमगीर का पीएस संजीव लाल और नौकर जहांगीर आलम पहले से ही जेल में बंद है. दोनों के पास के ईडी की टीम ने छापेमारी के दौरान 37 करोड़ रुपये से भी ज्यादा बरामद किया था. दोनों ने ही मंत्री आलमगीर का नाम लिया था और कहा था कि ये रुपये उनके ही हैं. इसके बाद आलमगीर पर ईडी का शिकंजा कसा.
14 मई को भेजा गया था समन
ईडी की ओर से पहला समन भेजकर उन्हें 14 मई को बुलाया गया था. इस बीच आलमगीर समय के पहले ही रांची ईडी कार्यालय पहुंच गए थे. पहले दिन पूछताछ के बाद उन्हें छोड़ दिया गया था. इसके बाद दूसरे दिन 15 मई को फिर से पूछताछ के लिए बुलाया गया था. दूसरे दिन उन्हें पूछताछ के दौरान ही गिरफ्तार कर लिया गया था.
ना में दे रहे थे सभी सवालों का जवाब
आलमगीर आलम से जब ईडी की टीम पूछताछ कर रही थी तब वे सभी सवालों का जवाब सिर्फ ना में ही दे रहे थे. रुपये के बारे में भी जवाब दिया कि उन्हें इसकी कोई जानकारी ही नहीं थी. उन्हें सोशल मीडिया के मार्फत जानकारी मिली थी कि रुपये की बरामदगी पीएस और नौकर जहांगीर के पास से की गई थी. हर सवाल का जवाब ना में देने के बाद भी आलमगीर ईडी के हत्थे चढ़ गए और अब अपना इस्तीफा भी राजभवन को भेज दिया है.