झारखंड के लातेहार जिले में नक्सल विरोधी अभियान ने एक बार फिर बड़ी सफलता हासिल की है। सुरक्षाबलों और माओवादियों के बीच हालिया मुठभेड़ों में कई वांछित और इनामी नक्सलियों को ढेर किया गया या गिरफ्तार किया गया है। ये घटनाएं यह दर्शाती हैं कि राज्य सरकार और सुरक्षा एजेंसियों द्वारा माओवादी संगठनों के खिलाफ चलाया जा रहा अभियान तेज़ और प्रभावी होता जा रहा है।
महुआडांड़ मुठभेड़: एक माओवादी ढेर, एक गिरफ्तार
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तारीख: सोमवार
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स्थान: दौना जंगल, महुआडांड़ थाना क्षेत्र, लातेहार जिला
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मारे गए माओवादी का नाम: मनीष यादव
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संगठन: भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी)
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इनामी राशि: ₹5 लाख
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गिरफ्तार माओवादी का नाम: कुंदन खेरवार
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संभावित इनामी: ₹10 लाख (पुलिस पुष्टि अभी बाकी)
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पुलिस उपमहानिरीक्षक वाई एस रमेश के अनुसार, यह कार्रवाई लातेहार, पलामू और सीआरपीएफ की संयुक्त ऑपरेशन का हिस्सा थी।
दो दिन पहले: जेजेएमपी के शीर्ष नेता पप्पू लोहरा मारा गया
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तारीख: 24 मई
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स्थान: इच्छाबार वन क्षेत्र, लातेहार
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मारे गए नक्सली:
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पप्पू लोहरा (झारखंड जन मुक्ति परिषद का शीर्ष नेता)
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इनामी राशि: ₹10 लाख
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आपराधिक रिकॉर्ड: हत्या, रंगदारी, आगजनी जैसे 98 मामले
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प्रभात गंझू (उप-जोनल स्वयंभू कमांडर)
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इनामी राशि: ₹5 लाख
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आपराधिक रिकॉर्ड: 15 मामले, जिनमें 2021 में झारखंड जगुआर के डिप्टी कमांडेंट राजेश कुमार की हत्या भी शामिल
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महत्वपूर्ण संकेत और निष्कर्ष
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लगातार सफल ऑपरेशन
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पिछले एक सप्ताह में चार इनामी माओवादी या नक्सली मारे जा चुके हैं या गिरफ्तार हुए हैं।
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लातेहार-चतरा-पलामू बेल्ट
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यह इलाका लंबे समय से माओवादी गतिविधियों का गढ़ रहा है, लेकिन अब यहां सुरक्षा बलों का दबदबा बढ़ता दिख रहा है।
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स्थानीय समर्थन में कमी
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मुठभेड़ों में मारे गए या पकड़े गए नक्सली अब गांवों में छिपने के बजाय जंगलों में टकराव के लिए मजबूर हैं, जिससे स्थानीय समर्थन कमजोर होने का संकेत मिलता है।
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राज्य सरकार का स्पष्ट संदेश
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मुख्यमंत्री और पुलिस प्रशासन का यह स्पष्ट संदेश है कि सशस्त्र विद्रोह और आतंक फैलाने वालों के लिए कोई जगह नहीं है।
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झारखंड में माओवादियों के खिलाफ हालिया कार्रवाइयाँ दर्शाती हैं कि सरकार और सुरक्षाबल अब अंतिम लड़ाई के मोड में हैं। शीर्ष इनामी नक्सलियों की गिरफ्तारी और मारे जाने से संगठन को भारी झटका लगा है। यह राज्य के आंतरिक सुरक्षा और विकास मार्गदर्शकों के लिए एक सकारात्मक संकेत है।