झारखंड में धोखे से हो रहे कन्वर्जन, जिहादी हरकतों, गोतस्करी एवं बांग्लादेशी मुस्लिम घुसपैठियों के कारण राज्य की सुरक्षा खतरे में है। यह बात विश्व हिंदू परिषद के राष्ट्रीय प्रवक्ता विनोद बंसल ने रांची में एक प्रेस वार्ता में कही। उन्होंने कहा कि झारखंड विधानसभा में नमाज पढ़ने के लिए एक अलग कमरा तय किया जाता है। गोतस्करों के लिए सरकार की ओर से वक्तव्य दिया जाता है कि उनके विरुद्ध पुलिस कार्रवाई नहीं करेगी, जबकि सर्वविदित है झारखंड में 2005 में गोवंश पशु हत्या प्रतिषेध अधिनियम बना हुआ है। इसके अंतर्गत गाय, बैल इत्यादि गोवंश पशु को राज्य से बाहर ले जाना प्रतिबंधित है। गोतस्करों के लिए सजा का प्रावधान है। उन्होंने कहा कि भोले—भाले हिंदुओं को ईसाई बनाने के लिए खुली चंगाई सभाएं होती हैं, परंतु प्रशासन की अकर्मण्यता के कारण उन पर कोई कार्रवाई नहीं होती है। उन्होंने यह भी कहा कि आज लगभग 5 लाख से ऊपर बांग्लादेशी एवं रोहिंग्या मुसलमान झारखंड में पैर जमा चुके हैं। उन्हें हटाने के बजाय उनके लिए सरकारी शह पर आधार कार्ड बनाए जा रहे हैं। मतदाता सूची में घुसपैठियों के नाम दर्ज हो रहे हैं। प्रश्न उठता है, क्या सरकार तुष्टीकरण के कारण इतने नीचे गिर जाएगी, जहां से झारखंड प्रांत की आंतरिक सुरक्षा खतरे में पड़ जाए!
इस तरह हो रहा है झारखंड में पापाचार…
जनजातिय गौरव के चिन्हों को मिटाने के चल रहे हैं जिहादी व मिशनरी गहरे षड्यंत्र.. pic.twitter.com/fDUprpIhez
— विनोद बंसल Vinod Bansal (@vinod_bansal) July 15, 2023
उन्होंने कहा कि झारखंड की बेटियां असुरक्षित होती जा रही हैं। इसके लिए उन्होंने कई उदाहरण बताए। पहला उदाहरण धनबाद का है। ईसाई मिशनरियों के द्वारा धनबाद में चलाए जा रहे सेंट जेवियर स्कूल में जब बहन उषा कुमारी बिंदी लगाकर स्कूल जाती है, तो वहां के शिक्षक के द्वारा उसे पीटा जाता है, उसकी बेइज्जत की जाती है तथा स्कूल से निकाल भी दिया जाता है। इससे आहत होकर तथा मानसिक तनाव में आकर बहन उषा कुमारी आत्महत्या कर लेती है। इस मामले पर सरकार चुप्पी साधे बैठी है, जबकि अभी तक विद्यालय की मान्यता रद्द हो जानी चाहिए थी। इसी प्रकार की घटना रांची में भी हुई। 13 जुलाई को सेवंथ डे एड्वेंटिस्ट इंग्लिश स्कूल,क्लब रोड, रांची में तिलक लगाकर स्कूल गए आर्यन मांझी को उसके माथे से चंदन को मिटवाया गया, उसे प्रताड़ित किया गया, कहा गया चंदन लगाने से माथा गंदा लगता है। घटना का विरोध होने पर प्रधानाचार्य ने मामले को समाप्त करने का प्रयास किया। श्री बंसल ने यह भी कहा कि वहां के पादरी या नन अपनी वेशभूषा में रहते हैं। सलीब लगाकर चलते हैं। विद्यालय की प्रार्थना में एक वर्ग विशेष की आराधना होती है। उनके विरुद्ध कोई कार्रवाई क्यों नहीं होती है! उन्होंने यह भी कहा कि जमशेदपुर के मानगो आजाद नगर स्थित सिंबोसिस पब्लिक स्कूल में एक हिंदू छात्रा को प्रतिबंधित मांस खिला दिया जाता है, लेकिन विद्यालय बिना कार्रवाई का अभी भी चल रहा है।
उन्होंने कहा कि टुंडी धनबाद के ग्राम रक्षा दल के प्रखंड अध्यक्ष शंकर चंद्र डे की हत्या दुम्मा गांव में गोली मारकर कर दी गई, यह हत्या गोतस्करों एवं साइबर अपराधियों के द्वारा की गई है, परंतु अभी तक अपराधी पुलिस की पकड़ से दूर हैं।
उन्होंने यह भी कहा कि 13 जुलाई को पलामू के पाटन थाना क्षेत्र के कुड़वा मोड़ में 45 गोवंश पशु को ले जाते दो तस्करों को भी पकड़ा गया। यह घटना बताती है कि झारखंड से प्रतिदिन हजारों की संख्या में चतरा, धनबाद, हजारीबाग, पाकुड़, दुमका, साहिबगंज होते हुए बांग्लादेश तक पशु ले जाए जाते हैं। उन्होंने राज्य सरकार से कहा कि वह अपनी तुष्टीकरण की नीति बंद करे।