कर्नाटक में नई सरकार में दूसरी बार सिद्धारमैया ने मुख्यमंत्री पद की शपथ थी. डी.के. शिवकुमार ने उप मुख्यमंत्री पद की शपथ ली. इस शपथग्रहण सामारोह में विपक्षी एकता दर्शाने के लिए नीतीश कुमार, तेजस्वी यादव, फारुख अब्दुल्ला जैसे देश के बड़े नेता पहुंचे. महाराष्ट्र से एनसीपी प्रमुख शरद पवार, ठाकरे गुट से अनिल देसाई और प्रियंका चतुर्वेदी पहुंचे, लेकिन उद्धव ठाकरे ने इस सामारोह में शिरकत नहीं की. उद्धव ठाकरे भी शपथ ग्रहण सामारोह से गायब रहे. पश्चिम बंगाल से ममता बनर्जी भी नहीं पहुंचीं.
ममता बनर्जी को लेकर तो अंदाजा था लेकिन उद्धव ठाकरे का शपथ ग्रहण सामारोह में नहीं जाना ध्यान खींचता है. ठाकरे गुट से शपथ ग्रहण सामारोह में राज्यसभा सांसद अनिल देसाई और प्रियंका चतुर्वेदी पहुंचे. कांग्रेस की सरकार बन रही है तो जाहिर है कि कांग्रेस का कुनबा तो मौजूद रहना ही था. शपथ ग्रहण सामारोह में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी भी पूरे उत्साह के साथ मौजूद रहे. लेकिन ना ममता बनर्जी दिखीं और ना ही उद्धव ठाकरे.
कांग्रेस की ओर से निमंत्रण देने में किसी तरह की कोई कमी नहीं की गई. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लकार्जुन खरगेे ने खुद फोन कर ममता बनर्जी और उद्धव ठाकरे को शपथ ग्रहण सामारोह में शामिल होने के लिए निमंत्रित किया था. लेकिन जैसा कि पहले से ही यह साफ हो चला था ममता बनर्जी नहीं पहुंची. झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन भी कार्यक्रम में पहुंच गए लेकिन उद्धव कार्यक्रम से गायब रहे. यह शपथग्रहण सामारोह बेंगलुरु के श्री कांतिराव स्टेडियम में आयोजित किया गया. 75 साल के सिद्धारमैया ने दूसरी बार सीएम पद की दूसरी बार शपथ ली है. इससे पहले उन्होंने 2013 में मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी.