कर्नाटक उच्च न्यायालय ने निलंबित जेडीएस नेता प्रज्वल रेवन्ना की मां भवानी रेवन्ना को अग्रिम जमानत दे दी है। उन्हें इस शर्त पर जमानत दी गई है कि उन्हें मैसूर और हासन में प्रवेश की अनुमति नहीं दी जाएगी।
न्यायालय ने कहा कि जब वह पहले ही 85 सवालों के जवाब दे चुकी हैं तो यह कहना उचित नहीं है कि वह एसआईटी के सभी सवालों में सहयोग नहीं कर रही हैं।
Karnataka High Court grants anticipatory bail to Bhavani Revanna, mother of suspended JD(S) leader Prajwal Revanna. The bail has been granted to her on the condition that she is not allowed to enter Mysuru and Hassan.
Court says that when she has already answered 85 questions…
— ANI (@ANI) June 18, 2024
पीड़ितों से संपर्क में भी भवानी रेवन्ना
कर्नाटक पुलिस की एसआईटी ने राज्य उच्च न्यायालय में कहा कि दुष्कर्म के आरोपी जनता दल (सेक्युलर) के पूर्व सांसद प्रज्वल रेवन्ना की मां भवानी रेवन्ना, यौन उत्पीड़न की सात कथित पीड़ितों के साथ संपर्क में थीं जिससे वह उन्हें मामले को लेकर शिकायत दर्ज कराने से रोक सकें।
एसआईटी ने 14 जून को कर्नाटक उच्च न्यायालय में भवानी द्वारा दायर अग्रिम जमानत याचिका पर बहस के दौरान यौन उत्पीड़न की पीड़िता के अपहरण के मामले में 55 वर्षीय भवानी की पहचान मास्टरमाइंड और सरगना के रूप में की थी।
उच्च न्यायालय ने अग्रिम जमानत याचिका पर अपना आदेश सुरक्षित रख था, लेकिन 7 जून को गिरफ्तारी के खिलाफ दी गई अंतरिम सुरक्षा को एक सप्ताह के लिए बढ़ा दिया था, साथ ही भवानी को एसआईटी के समक्ष पेश होकर जांच में सहयोग करने को कहा गया था।
‘जांच एजेंसी का सहयोग नहीं कर रही भवानी’
हाई कोर्ट को यह भी बताया गया कि जांच से पता चला है कि भवानी “सात पीड़ितों को अपने जाल में फंसाने में कामयाब रही”. एसपीपी रविवर्मा कुमार ने अग्रिम जमानत याचिका का विरोध करने के लिए एसआईटी द्वारा हाई कोर्ट में दायर आपत्तियों के एक बयान का हवाला देते हुए कहा, “याचिकाकर्ता ने न्याय को नाकाम करने के लिए अलग-अलग तरीकों से यौन उत्पीड़न के पीड़ितों को चुप कराने के लिए अपने बेटे प्रज्वल रेवन्ना की तस्वीरों और वीडियो में पाई गई कुछ पीड़ितों तथा अन्य महिलाओं से संपर्क करने के कई प्रयास किए.”
उन्होंने यह भी बताया, “यहां यह बता दिया गया है कि याचिकाकर्ता कोर्ट के आदेशों के अनुसार जांच के लिए उपस्थित हुई और जब भी इस मामले में उससे सवाल पूछे जाते हैं तो वह जांच एजेंसी के साथ किसी तरह का सहयोग नहीं करती है. वह लगातार झूठ बोल रही है और जांच की कोशिशों को गुमराह कर रही है.” उन्होंने कहा, “यह प्रस्तुत किया गया है कि जांच के दौरान कई डिजिटल रिकॉर्ड भी सामने आए हैं, जिनसे याचिकाकर्ता का सामना कराया जाना है.”
एसपीपी कुमार ने हाई कोर्ट को बताया, “जांच से पता चला है कि याचिकाकर्ता उन मास्टरमाइंडों में से एक है, जिन्होंने पीड़िता का अपहरण करने और उसे चुप कराने के लिए उन सभी द्वारा रची गई आपराधिक साजिश को आगे बढ़ाने के लिए अन्य आरोपियों के साथ हाथ मिलाया.” उन्होंने कहा, “यह प्रस्तुत किया गया है कि तकनीकी डेटा से जानकारी मिलती है कि याचिकाकर्ता अपहरण के लिए अपने फोन और अपने ड्राइवर के फोन के जरिए अन्य आरोपियों से लगातार संपर्क में थी. सभी आरोपियों ने यह स्वीकार कर लिया है कि उसने अपहरण की साजिश रची थी.” हालांकि, हाई कोर्ट ने पिछले हफ्ते शुक्रवार को भवानी को गिरफ्तारी के खिलाफ दी गई अंतरिम सुरक्षा को रद्द करने से इनकार कर दिया.
भवानी और उनके पति पर अपहरण के आरोप
भवानी और उनके पति एचडी रेवन्ना समेत 7 अन्य आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 364 ए के तहत गंभीर अपहरण के आरोप में जांच की जा रही है. उन पर आरोप है कि उन्होंने अप्रैल में सांसद प्रज्वल रेवन्ना द्वारा यौन उत्पीड़न का वीडियो सामने आने के बाद कथित यौन उत्पीड़न की पीड़िता को अपना घर छोड़ने और छिपने के लिए मजबूर किया था.
रेप का आरोपी प्रज्वल रेवन्ना, 26 अप्रैल को कर्नाटक के हसन क्षेत्र में चुनाव के दौरान अपना सेक्स वीडियो पब्लिक होने के बाद अचानक देश छोड़कर विदेश भाग गया. फिर 31 मई को भारत लौटने पर उसे बेंगलुरु एयरपोर्ट पर एसआईटी ने गिरफ्तार कर लिया. एसआईटी ने कथित सेक्स वीडियो में मिले सबूतों और वीडियो में पाई गई पीड़िताओं का पता लगाने के बाद प्रज्वल के खिलाफ यौन उत्पीड़न को लेकर 3 केस दर्ज किए हैं.
इनमें से एक केस में प्रज्वल पर एक घरेलू नौकरानी के साथ रेप करने का आरोप है, जो कुछ साल पहले उनके घर में नौकरी करती थी. आरोप है कि प्रज्वल के सेक्स वीडियो सामने आने के बाद, उसके परिवार के सदस्यों और सहयोगियों की ओर से कथित तौर पर सांसद के खिलाफ कानूनी कार्यवाही को रोकने के लिए पीड़िता को छिपाने की कोशिश की गई थी.