कर्नाटक उच्च न्यायालय ने संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिकता पंजी (एनआरसी) के खिलाफ नाटक का मंचन करने को लेकर बीदर के एक स्कूल प्रबंधन के खिलाफ दर्ज राजद्रोह की प्राथमिकी बुधवार को रद्द कर दी।
उच्च न्यायालय की धारवाड़ पीठ के न्यायमूर्ति हेमंत चंदनगौदर ने बीदर स्थित शाहीन स्कूल के प्रबंधन के चार लोगों के खिलाफ वर्ष 2020 में पुलिस द्वारा दर्ज प्राथमिकी को रद्द करने का आदेश पारित किया।
चारों आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 504 (जानबूझकर किसी का अपमान करना), 124ए (राजद्रोह) और 153ए (धार्मिक समूहों के बीच वैमनस्य पैदा करना) समेत अन्य प्रासंगिक धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था।
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) कार्यकर्ता नीलेश रक्षला ने 26 जनवरी, 2020 को स्कूली छात्रों द्वारा एक नाटक के मंचन के बाद स्कूल के खिलाफ शिकायत की थी, जिसमें आरोप लगाया गया था कि नाटक मंचन के दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का अपमान किया गया।