कर्नाटक कोर्ट ने तमिलनाडु की पूर्व मुख्यमंत्री दिवंगत जे जयललिता के सोने और हीरे के आभूषणों को तमिलनाडु सरकार को सौंपने का आदेश जारी कर दिया है। कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि 27 किलोग्राम सोने और हीरे के आभूषण तमिलनाडु की पूर्व मुख्यमंत्री दिवंगत जे जयललिता और अन्य के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति के मामले में भौतिक साक्ष्य का हिस्सा 6 और 7 मार्च को तमिलनाडु सरकार को सौंप दिए जाएंगे।
कोर्ट ने उन पर लगाए गए 100 करोड़ रुपये के जुर्माने को जुटाने के लिए संपत्ति के मूल्य को अनलॉक करने का मार्ग प्रशस्त किया। जबकि 20 किलो को बेचा या नीलाम करने की अनुमति मिली। बाकी के गहने उनके परिवार के पास रहेंगे, क्योंकि ये गहने उन्हें अपनी से विरासत में मिले थे।
बता दें कि XXXII अतिरिक्त सिटी सिविल और सेशन कोर्ट की अध्यक्षता कर रहे न्यायाधीश एच ए मोहन ने पिछले महीने जयललिता से जब्त किए गए कीमती सामानों को तमिलनाडु सरकार को हस्तांतरित करने का निर्देश दिया था। उन्होंने कहा था कि तमिलनाडु सरकार इन सोने और हीरे के आभूषणों पर जल्द ही अपना फैसला सुनाएगी।
उच्चतम न्यायालय के निर्देश पर मुकदमा कर्नाटक में किया गया था। अदालत ने पहले माना था कि जयललिता के परिजन उन संपत्तियों के हकदार नहीं हैं जो राज्य द्वारा जब्त की गई हैं। सीबीआई कोर्ट ने जयललिता की भतीजी और भतीजे जे दीपा और जे दीपक द्वारा दायर याचिका को भी खारिज कर दिया था।
विशेष अदालत के न्यायाधीश ने कहा कि गहनों की नीलामी करने के बजाय, उन्हें तमिलनाडु सरकार को सौंपना बेहतर रहेगा। भुगतान चेन्नई में भारतीय स्टेट बैंक की शाखा में जयललिता से संबंधित खाते में सावधि जमा से किया जाएगा।
यह है पूरा मामला
बता दें कि 27 सितंबर 2014 को की एक विशेष अदालत ने आय से अधिक संपत्ति के मामले में जयललिता को चार साल जेल की सजा सुनाई थी। साथ ही 100 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया था। इसने यह भी निर्देश दिया था कि जयललिता की जब्त की गई कीमती चीजों को सार्वजनिक नीलामी के माध्यम से भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) या भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) को बेचा जाना चाहिए।