केरल में निपाह वायरस के मामले बढ़ रहे हैं। राज्य सरकार इसे लेकर अलर्ट मोड पर है। वहीं, अब निपाह वायरस का खतरा धीरे-धीरे कर्नाटक में भी बढ़ रहा है। जिसे देखते हुए कर्नाटक सरकार भी अलर्ट मोड पर है।
केरल में निपाह के मामलों को देखते हुए, कर्नाटक सरकार ने एक परिपत्र जारी किया और आम जनता को केरल के प्रभावित क्षेत्रों में अनावश्यक यात्रा से बचने की सलाह दी है। कर्नाटक स्वास्थ्य विभाग ने केरल के सीमावर्ती जिलों (कोडागु, दक्षिण कन्नड़, चामराजनगर और मैसूर) और कर्नाटक में प्रवेश के बिंदुओं पर निगरानी तेज करने की भी बात कही है।
कोझिकोड में बंद हुए शिक्षण संस्थान
केरल के कोझिकोड जिले में निपाह वायरस के संक्रमण से निपटने के लिए जिला प्रशासन ने शिक्षण संस्थानों और कोचिंगों में 16 सितंबर तक अवकाश घोषित कर दिया है। लेकिन विश्वविद्यालय के परीक्षा कार्यक्रम में कोई फेरबदल नहीं किया गया है।
In view of Nipah cases in Kerala, Karnataka Govt issued a circular and has advised the general public to avoid unnecessary travel to affected areas of Kerala; intensify surveillance in the bordering districts to Kerala ( Kodagu, Dakshin Kannada, Chamrajanagara & Mysore) and at… pic.twitter.com/41whQrTgx2
— ANI (@ANI) September 15, 2023
इस बीच निपाह संक्रमितों के इलाज के लिए उपलब्ध एकमात्र प्रायोगिक इलाज ‘मोनोक्लोनल एंटीबाडी’ को इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आइसीएमआर) ने राज्य में पहुंचा दिया है। कोझिकोड में इस वायरस के संक्रमण से दो लोगों की मौत हो चुकी है और तीन अन्य लोग पॉजिटिव मिले हैं। संक्रमितों में से एक 9 वर्षीय बच्चे की स्थिति गंभीर है।
‘मोनोक्लोनल एंटीबाडी’ के केरल पहुंचने के बाद राज्य की स्वास्थ्य मंत्री वीणा जार्ज ने बताया कि एंटीवायरल की स्थिरता के बारे में केंद्रीय विशेषज्ञ समिति के साथ चर्चा की गई थी। आगे की कार्रवाई पर फैसला विशेषज्ञ समिति करेगी।
प्रधान सचिव और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के बीच हुई बैठक
उन्होंने कहा कि किसी भी तरह से परेशान होने की जरूरत नहीं है। हम सब मिलकर इस स्थिति से निपट सकते हैं। राज्य के स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के बीच एक बैठक भी हुई थी। एम102.4 मोनोक्लोनल एंटीबाडी को कोझिकोड में 2018 में निपाह संक्रमण के दौरान संक्रमितों के इलाज के लिए आयात किया गया था। तब इसका उपयोग नहीं किया गया था क्योंकि इसके आने तक वायरस का संक्रमण खत्म हो चुका था।
आइसीएमआर ने सैंपलों की जांच में तेजी लाने के लिए अपनी मोबाइल बीएसएल-3 लैब भी कोझिकोड भेजी है। अभी तक सैंपलों को पुणे स्थित नेशनल इंस्टीट्यूट आफ वायरोलाजी (NIV) में भेजा जा रहा था। इसके अलावा राजीव गांधी सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी ने भी पूर्ण रूप से सुसज्जित मोबाइल वायरोलॉजी टेस्टिंग लैब कोझिकोड भेजी है।