कर्नाटक के उडुपी के श्री कृष्ण मठ मंदिर ने प्री-वेडिंग और पोस्ट-वेडिंग फोटोशूट के संबंध में एक महत्वपूर्ण फैसला लिया है। उडुपी श्री कृष्ण मठ के प्रशासन की देखरेख करने वाले पर्याय पुट्टीगे मठ ने धार्मिक स्थल की पवित्रता को बनाए रखने की चिंताओं का हवाला देते हुए मंदिर के रथबीड़ी (कार स्ट्रीट) परिसर में शादी से पहले और शादी के बाद वाले फोटोशूट पर बैन लगाने का एलान किया है।यह निर्णय ऐसे समय में आया है जब कर्नाटक और केरल के कपल ने शादी की फोटोग्राफी के लिए बैकग्राउंड के रूप में मंदिर के आसपास के क्षेत्र को चुनना शुरू कर दिया है।
क्यों लिया गया ये फैसला?
मंदिर के अधिकारियों के अनुसार, सुबह-सुबह शूटिंग की बढ़ती संख्या की वजह से माहौल खराब हो रहा है।मंदिर के एक पदाधिकारी और वैदिक विद्वान प्रो. गोपालाचार्य ने इस मामले में कहा है, ‘रथबीड़ी सिर्फ एक सार्वजनिक मार्ग नहीं है – यह एक पवित्र मार्ग है, जिस पर सदियों से संत, भक्त और अष्ट मठों के पुजारी आते रहे हैं।’
धार्मिक माहौल होगा खराब
कृष्ण मंदिर परिसर को घेरने वाली कार स्ट्रीट, दैनिक अनुष्ठानों, धार्मिक जुलूसों और वार्षिक उत्सवों में एक केंद्रीय भूमिका निभाते हैं। मंदिर के अधिकारियों ने कहा कि इसका आध्यात्मिक महत्व रोमांटिक फोटो सेशन के लिए बहुत कम जगह छोड़ता है, जिसे धार्मिक भावनाओं के प्रति अपमानजनक माना जा सकता है।गोपालाचार्य ने स्पष्ट किया कि इस फैसला का उद्देश्य आगंतुकों या भक्तों को हतोत्साहित करना नहीं है, बल्कि उन गतिविधियों को रोकना है जो मंदिर द्वारा बनाए जाने वाले श्रद्धा के माहौल के साथ असंगत मानी जाती हैं।
मंदिर प्रबंधन ने फोटोग्राफरों से की ये अपील
मंदिर प्रबंधन ने फोटोग्राफरों और शादी के आयोजकों से नए निर्देश का सम्मान करने की अपील की है, जो इस सप्ताह प्रभावी हो गए हैं। गोपालाचार्य ने कहा, ‘इस सदियों पुरानी विरासत स्थल की पवित्रता को बनाए रखना हमारी सबसे बड़ी जिम्मेदारी है।’ तटीय कर्नाटक में एक प्रमुख तीर्थस्थल और सांस्कृतिक स्थल उडुपी कृष्ण मठ, हर साल हजारों भक्तों और पर्यटकों को आकर्षित करता है।