कर्नाटक में कांग्रेस ने वही हरकत करनी शुरू कर दी है, जिसकी हिंदुओं को आशंका थी। पता चला है कि मंगलुरु शहर और उसके आसपास के क्षेत्रों में सक्रिय बजरंग दल के कुछ कार्यकर्ताओं के विरुद्ध जिला बदर करने की कार्रवाई शुरू होने वाली है। पुलिस ने दक्षिण कन्नड़ जिले के बजरंग दल के तीन कार्यकर्ताओं को नोटिस जारी कर कहा है कि क्यों नहीं उन्हें जिले से निष्कासित कर दिया जाए! इन कार्यकर्ताओं पर अवैध गतिविधियों में शामिल होने और शांति भंग करने का आरोप है। इस संबंध में कार्यकर्ताओं के नाम और अन्य जानकारी अभी सामने नहीं आई है।
पिछले दिनों बजरंग दल के तीनों कार्यकर्ताओं को मंगलुरु स्थित डीसीपी कानून—व्यवस्था के कार्यालय में बुलाया गया था। बता दें कि स्थानीय पुलिस ने इन कार्यकर्ताओं के विरुद्ध एक रिपोर्ट तैयार की है। इसमें कहा गया है कि इन तीनों ने सुल्तान गोल्ड ज्वेलरी स्टोर्स और मुरोली में होली के दौरान उत्पात मचाया था।
आरोप है कि 6 दिसंबर, 2022 को सुल्तान गोल्ड ज्वेलरी स्टोर्स में कार्यरत एक युवा पर बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने हमला किया था। एक लड़की के माता—पिता को शक था कि उस स्टोर्स में काम करने वाली उनकी बेटी को उस युवक ने अपने प्रेमजाल में फंसा रखा था। इसके लिए उन्होंने बजरंग दल के कार्यकर्ताओं से मदद मांगी थी। एक समाचार के अनुसार घटना के बाद पुलिस ने बजरंग दल के चार कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार भी किया था।
वहीं दूसरी घटना के बारे में कहा जा रहा है कि मार्च, 2023 में मुरोली में आयोजित होली कार्यक्रम में बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने हंगामा किया था। ये दोनों घटनाएं पूर्ववर्ती भाजपा सरकार के समय हुई थीं। उस समय पुलिस को जो कार्रवाई करनी थी, वह कर चुकी है। इसके बावजूद इन दोनों मामलों को फिर से खोला गया है। कहा जा रहा है कि इसके लिए मुसलमानों के एक वर्ग ने सरकार पर दबाव बनाया था। उस दबाव के आगे कांग्रेस सरकार झुक गई और उसने वही कार्य करना शुरू कर दिया है, जिसका वचन हाल ही में संपन्न चुनाव से पूर्व उसने दिया था। बता दें कि कांग्रेस ने अपने घोषणापत्र में वादा किया था कि यदि वह सत्ता में आती है, तो वह बजरंग दल पर प्रतिबंध लगाएगी। हालांकि बजरंग दल पर प्रतिबंध तो अभी नहीं लगाया है, लेकिन उसके कार्यकर्ताओं को मामूली सी बातों पर भी परेशान किया जाने लगा है।