कर्नाटक में वक्फ बोर्ड द्वारा सरकारी और निजी संपत्तियों पर दावा करने के मामलों ने न केवल राज्य में राजनीतिक माहौल को गर्म किया है, बल्कि आम जनता, खासकर किसानों और विरासत स्थलों से जुड़े लोगों के बीच गंभीर चिंता पैदा की है।
प्रमुख मुद्दे:
- श्रीरंगपट्टनम में वक्फ बोर्ड के दावे:
- वक्फ बोर्ड ने ऐतिहासिक स्थलों और सरकारी संपत्तियों, जैसे टीपू सुल्तान के शस्त्रागार, श्री चामराजेंद्र मेमोरियल सरकारी संग्रहालय, और कृषि भूमि, पर दावा किया है।
- मंदिर और सरकारी स्कूल जैसे स्थलों पर भी दावे से लोगों में नाराज़गी है।
- विजयपुरा में किसानों की जमीन का मामला:
- वक्फ बोर्ड ने विजयपुरा के टिकोटा तालुका में 1,200 एकड़ कृषि भूमि को अपनी संपत्ति बताया।
- किसानों को बेदखली नोटिस जारी किए गए, जबकि उनका दावा है कि यह भूमि उनके परिवारों की पीढ़ियों से स्वामित्व में है।
- यह मामला विशेष रूप से विवादास्पद बन गया क्योंकि वक्फ बोर्ड ने इसे धार्मिक संपत्ति बताया, जबकि उस क्षेत्र में संबंधित धार्मिक संस्था का अस्तित्व ही संदिग्ध है।
सरकार और प्रशासन की प्रतिक्रिया:
- कांग्रेस सरकार की भूमिका:
- किसानों को नोटिस जारी करना और वक्फ बोर्ड के दावों को समर्थन देना सरकार की आलोचना का कारण बना।
- भाजपा और अन्य विपक्षी दलों ने इसे सरकार द्वारा वक्फ बोर्ड के पक्ष में पक्षपातपूर्ण रवैया बताया।
- सरकार का बैकफुट पर आना:
- किसानों के व्यापक विरोध और भाजपा के दबाव के बाद सरकार ने क्षेत्रीय और जिला अधिकारियों को आदेश दिया कि वे भूमि रिकॉर्ड में बदलाव न करें और बेदखली नोटिस जारी करने वाले अधिकारियों पर अनुशासनात्मक कार्रवाई करें।
भाजपा और विपक्ष की प्रतिक्रिया:
- भाजपा ने कांग्रेस सरकार पर मुस्लिम तुष्टिकरण और वक्फ बोर्ड को अनुचित समर्थन देने का आरोप लगाया।
- भाजपा नेताओं ने इस मुद्दे को किसानों के अधिकारों और सांस्कृतिक विरासत की रक्षा से जोड़ा, जिससे यह मामला राजनीतिक रूप से और भी संवेदनशील बन गया।
- प्रदर्शन की धमकी: विजयपुरा और श्रीरंगपट्टनम के स्थानीय किसान और संगठन बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन की तैयारी कर रहे हैं।
कानूनी और सामाजिक पहलू:
- वक्फ अधिनियम का दुरुपयोग?
- वक्फ बोर्ड को धार्मिक संपत्तियों के संरक्षण का अधिकार है, लेकिन उसके दावों को लेकर बार-बार विवाद उठना, वक्फ अधिनियम के संभावित दुरुपयोग का संकेत देता है।
- किसानों का दावा है कि वे अपनी जमीन पर वर्षों से खेती कर रहे हैं, और अचानक इसे वक्फ संपत्ति घोषित करना उनके अधिकारों का उल्लंघन है।
- विरासत स्थलों का संरक्षण:
- श्रीरंगपट्टनम जैसे ऐतिहासिक शहरों में वक्फ बोर्ड के दावे ने विरासत स्थलों के संरक्षण पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
- भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) और राज्य सरकार को इन स्थलों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सक्रिय कदम उठाने की आवश्यकता है।
कर्नाटक में वक्फ बोर्ड के बढ़ते दावे न केवल प्रशासनिक और कानूनी जटिलताओं को उजागर करते हैं, बल्कि किसानों, विरासत स्थलों, और सार्वजनिक संपत्तियों से जुड़े सामाजिक और सांस्कृतिक अधिकारों को भी चुनौती देते हैं।
- सरकार को पारदर्शी जांच और कानूनी ढांचे की समीक्षा करनी चाहिए।
- किसानों और विरासत स्थलों के अधिकारों की रक्षा के लिए सभी पक्षों को संतुलित समाधान तलाशना होगा।
- वक्फ बोर्ड को भी यह सुनिश्चित करना होगा कि उसके दावे वास्तविक और प्रमाणित हों, ताकि विवादों से बचा जा सके।