कर्नाटक के बेलगावी में सोमवार से शुरू होने वाला 10 दिवसीय शीतकालीन सत्र कई महत्वपूर्ण मुद्दों और विधेयकों पर चर्चा के लिए तैयार है। यह सत्र न केवल नए विधेयकों और प्रस्तावों के लिए बल्कि सत्तारूढ़ कांग्रेस सरकार और विपक्षी दलों के बीच तीखी बहस का मंच भी बन सकता है।
सत्र की मुख्य बातें:
- प्रस्तावित विधेयक:
- कुल पाँच विधेयक विधानसभा में पेश किए जाएंगे, जिनमें:
- तीन निजी विधेयक:
- दर्शन पुट्टन्नैया द्वारा प्रस्तुत जलवायु परिवर्तन विधेयक, जो राज्य में पर्यावरणीय चुनौतियों को संबोधित करेगा।
- एमवाई पाटिल का गणगपुरा दत्तात्रेय विकास प्राधिकरण विधेयक।
- एचके सुरेश का बेलूर हलेबिदु क्षेत्र विकास प्राधिकरण विधेयक।
- दो अध्यादेश प्रतिस्थापन विधेयक।
- तीन निजी विधेयक:
- कुल पाँच विधेयक विधानसभा में पेश किए जाएंगे, जिनमें:
- प्रदर्शनी और कार्यक्रम:
- कांग्रेस अधिवेशन की शताब्दी के अवसर पर महात्मा गांधी पर 100 तस्वीरों की प्रदर्शनी लगाई जाएगी। यह आयोजन ऐतिहासिक दृष्टिकोण से सत्र का विशेष आकर्षण होगा।
- अनुभव मंडप की तस्वीर का अनावरण मुख्यमंत्री सिद्धारमैया करेंगे, जिसमें सभी मंत्री और विधायक भाग लेंगे।
- सुरक्षा और प्रशासनिक प्रबंध:
- सत्र के सुचारू संचालन के लिए 2,500 सरकारी अधिकारी और कर्मचारी तैनात रहेंगे।
- 6,000 पुलिसकर्मियों सहित कुल 8,500 सुरक्षाकर्मियों की व्यवस्था की गई है।
सत्र में संभावित मुद्दे:
- मुडा (मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण) घोटाला:
- मुख्यमंत्री सिद्धारमैया, उनकी पत्नी पार्वती बीएम, और अन्य पर लगे आरोपों को लेकर विपक्ष, विशेष रूप से भाजपा और जद(एस), सरकार को घेरने की कोशिश करेगा।
- किसानों और वक्फ बोर्ड के नोटिस:
- विपक्ष किसानों और संस्थानों को वक्फ बोर्ड द्वारा जारी नोटिस के मामले को प्रमुख मुद्दा बनाएगा। यह मामला हाल ही में राज्य में विवाद का केंद्र रहा है।
- बेल्लारी मेडिकल कॉलेज में मातृ मृत्यु:
- बेल्लारी मेडिकल कॉलेज एवं अनुसंधान केंद्र में पाँच मातृ मृत्यु का मुद्दा भी सत्र में गूंजने की संभावना है।
राजनीतिक माहौल:
इस सत्र में विपक्षी भाजपा और जद(एस) सत्तारूढ़ कांग्रेस सरकार पर तीखा प्रहार करने की रणनीति बना रहे हैं। दूसरी ओर, मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और उनके मंत्रिमंडल के लिए यह सत्र खुद को जनता और विपक्ष के समक्ष जवाबदेह साबित करने का मौका होगा।
बेलगावी का यह सत्र, ऐतिहासिक और समकालीन दोनों दृष्टियों से, राज्य की राजनीति और नीतियों को गहराई से प्रभावित करेगा।
मुडा भूमि लेनदेन में 700 करोड़ का घोटाला
आरोप है कि पार्वती को मैसूर के केसारे गांव में उनकी तीन एकड़ और 16 गुंटा जमीन के ‘अधिग्रहण’ के बदले मैसूर शहर के प्रमुख स्थानों पर 14 साइटें मिलीं। पार्वती ने साइटों को वापस लेने के लिए कदम उठाने के लिए MUDA को लिखा है। इस बीच, लोकायुक्त पुलिस के साथ मिलकर जांच कर रही ईडी ने भी कहा कि MUDA भूमि लेनदेन में 700 करोड़ रुपये से अधिक की बड़ी अनियमितताएं हुई हैं। इसने अपने निष्कर्षों के बारे में लोकायुक्त पुलिस के साथ विवरण साझा किया है।