केरल में एक महिला पुलिस अधिकारी के यौन उत्पीड़न के दोषी को 3 साल की सजा सुनाई गई है। दोषी व्यक्ति की पहचान जोस रॉकी फर्नांडीस के तौर पर हुई है। उसने 48 घंटे के भीतर तीन सौ से अधिक बार थाने के नंबर पर कॉल किया था। महिला पुलिस अधिकारी से अश्लील बातें की। गालियाँ दीं। यौन संबंध बनाने की डिमांड रखी। इससे पहले इसी तरह के दो मामलों में फर्नांडीस सबूतों के अभाव में बरी हो गया था।
जुलाई 2019 में एर्नाकुलम के महिला पुलिस स्टेशन के नंबर पर एक कॉल आया। फोन करने वाले व्यक्ति ने महिला पुलिसकर्मी से यौन संबंध बनाने की माँग की। पुलिसकर्मी से उसका पर्सनल नंबर भी माँगा। पुलिसकर्मी ने रॉन्ग नंबर सोचते हुए फोन काट दिया। लेकिन इसके बाद भी उसी नंबर से लगातार फोन आते रहे। अगले दिन थाने में कुल 309 बार फर्नांडीस ने फोन किया। फोन उठाने पर वह अश्लील बातें करता था।
इस मामले की जाँच कर जोस रॉकी फर्नांडिस के खिलाफ सबूत इकट्ठा करने वाले सब इंस्पेक्टर वीबी अनस का कहना है, “सबसे पहले हमने साइबर सेल से संपर्क किया और कॉलिंग डेटा हासिल किया। हमने फोन करने वाले जोस और उसके मोबाइल टावर लोकेशन की पहचान की। इसके बाद उसे कलूर के एक लॉज से गिरफ्तार किया।” जाँच में सामने आया कि आरोपित जोस इस तरह की हरकतें पहले भी कर चुका था। उसके खिलाफ इसी तरह के मामले कडवंतरा और पल्लुरूथी पुलिस स्टेशनों में भी दर्ज थे। अनस ने कहा है, “महिला अधिकारी उसके निशाने पर थीं। वह पुलिस स्टेशनों में कॉल करता था। अगर कोई महिला अधिकारी फ़ोन उठाती, तो वह उसे गालियाँ देता था।”
सब इंस्पेक्टर अनस के अनुसार पूछताछ के दौरान जोस ने यह भी स्वीकार किया था कि उसके निशाने पर कई सीनियर अधिकारी थे। उसने कई अधिकारियों को फोन भी किया था। वह शराब और नशीले पदार्थों के नशे में धुत होकर फोन करता था। जमानत पर बाहर आने के बाद भी उसने पुलिस स्टेशन में फोन करना बंद नहीं किया। हाल ही में उसे तिरुवनंतपुरम में फिर से गिरफ्तार किया गया था।
उन्होंने बताया कि कॉल रिकॉर्ड और सिम कार्ड की जानकारी के अलावा इस मामले में सबसे बड़ा सबूत फर्नांडीस का मोबाइल फोन था। दरअसल, उसके फोन में कॉल रिकॉर्डिंग ऐप था, जिसमें रिकॉर्डिंग दर्ज थी। फोरेसिंक जाँच से यह साबित हुआ था कि फर्नांडीस ने ही पुलिस स्टेशन में फोन किया था। उसे सजा मिलने पर खुशी जताते हुए सब इंस्पेक्टर ने कहा, “पहले भी उसके खिलाफ इसी तरह के दो मामले दर्ज हुए थे। लेकिन सबूतों के अभाव में वह बरी हो गया था।”
जोस रॉकी फर्नांडीस के खिलाफ दर्ज मामले की सुनवाई एर्नाकुलम की अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट सजिनी बीएस ने की। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने फर्नांडीस को भारतीय दंड संहिता IPC की धारा 354A (1) (ii) के तहत दोषी करार दिया। इसके साथ ही कोर्ट ने उसे 3 साल की सजा और 15000 रुपए का जुर्माना भरने का आदेश दिया।