19 मई को दुनियाभर में हर साल वर्ल्ड इर्रिटेबल बाउल सिंड्रोम डे (World IBS Day 2024) मनाया जाता है। वक्त रहते इलाज और डाइट में जरूरी बदलाव नहीं करने पर पेट से जुड़ी यह समस्या गंभीर रूप भी ले सकती है और सेहत पर कई प्रकार से इसका असर नजर आने लगता है। ऐसे में, इस दिन को मनाने का मकसद आईबीडी के प्रति लोगों को जागरूक करने का ही है।
अगर आप भी पेट में दर्द, ब्लोटिंग, गैस, सूजन, उल्टी आना, जी मिचलाना, पेट में ऐंठन या बेवजह थकान जैसे लक्षणों से परेशान हैं, तो बहुत हद तक मुमकिन है कि आप भी इस बीमारी का शिकार हों। गर्मियों में खराब खानपान के चलते पेट से जुड़ी समस्याएं काफी बढ़ जाती हैं। चलिए, इस आर्टिकल में आपको बताते हैं कि इर्रिटेबल बाउल सिंड्रोम की स्थिति में खानपान में किन चीजों से दूरी बना लेनी चाहिए।
कार्बोनेटेड ड्रिंक्स
इर्रिटेबल बाउल सिंड्रोम में कार्बोनेटेड ड्रिंक्स का सेवन आपको भूलकर भी नहीं करना चाहिए। बता दें, यह आंतों पर उत्तेजक प्रभाव डालती हैं और दस्त के साथ-साथ, पेट फूलना और एसिडिटी की तकलीफ को भी बढ़ा सकती हैं।
ब्रोकली और पत्तागोभी
आईबीएस की समस्या में फूलगोभी, ब्रोकोली, ब्रसेल्स स्प्राउट्स और पत्तागोभी खाना भी अवॉइड करना चाहिए। चूंकि इनमें फाइबर ज्यादा पाया जाता है, ऐसे में यह इर्रिटेबल बाउल सिंड्रोम से जुड़े लक्षणों को बढ़ा सकता है।
लहसुन और प्याज
प्याज-लहसुन खाने से भले ही खाने का टेस्ट बढ़ जाता हो, लेकिन बता दें कि इर्रिटेबल बाउल सिंड्रोम की परेशानी में आपको इन्हें खाने से भी बचना चाहिए। इसमें मौजूद फ्रक्टैन आंतों में जमा हो जाते हैं और तकलीफ को बढ़ा सकते हैं। इससे आपको हर वक्त गैस की परेशानी रह सकती है।
चटपटी चीजें
इर्रिटेबल बाउल सिंड्रोम की समस्या में आपको ज्यादा चटपटी और तली-भुनी चीजें खाने से भी बचना चाहिए। ये स्पाइसी फूड्स आपके पेट में दर्द और जलन की शिकायत को बढ़ा सकते हैं। बता दें, मिर्च में कैप्साइसिन पाया जाता है, जो आईबीएस के लक्षणों को बढ़ा सकता है। ऐसे में सादा-सिंपल खाना ही आपके लिए बेहतर है।
बींस और लेंटिल्स
इर्रिटेबल बाउल सिंड्रोम की तकलीफ में आपको मटर, बींस और लेंटिल्स जैसे फूड्स से भी दूर रहना चाहिए, क्योंकि इसमें मौजूद तत्व आईबीएस से जुड़े लक्षणों को बढ़ा सकते हैं। सेहत के लिए ये चीजें भले ही हेल्दी हों, लेकिन पाचन तंत्र के लिहाज से इन्हें ठीक नहीं माना जाता है।