मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने भोपाल को सनातन संस्कृति के एक प्रमुख केंद्र के रूप में विकसित करने की दिशा में एक और ऐतिहासिक कदम की घोषणा करते हुए कहा कि शहर में कैंची धाम वाले पूज्य नीब करौरी बाबा के हनुमत धाम का निर्माण न केवल भोपाल की धार्मिक और सांस्कृतिक गरिमा को बढ़ाएगा, बल्कि इसे एक आध्यात्मिक तीर्थस्थल के रूप में भी पहचान दिलाएगा। उन्होंने इस पहल को राजा भोज द्वार निर्माण की संकल्पना की निरंतरता बताया और कहा कि यह प्रदेश की सांस्कृतिक धरोहर को सशक्त बनाने वाला कार्य है।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने यह उद्गार मुख्यमंत्री निवास स्थित समत्व भवन से वर्चुअली भूमि पूजन कार्यक्रम को संबोधित करते हुए व्यक्त किए, जिसमें उन्होंने “कैंची धाम वाले नीब करौरी महाराज – बाबा का हनुमत धाम” नामक स्मारिका का विमोचन भी किया। उन्होंने कहा कि सम्राट विक्रमादित्य, राजा भोज और अन्य भारतीय सांस्कृतिक विभूतियों से जुड़े गौरवशाली पहलुओं को इस धाम के माध्यम से प्रदर्शित किया जाएगा, जिससे आमजन विशेष रूप से युवा पीढ़ी को भारत की सनातन परंपरा और वैभवशाली इतिहास से जुड़ने का अवसर मिलेगा।
मुख्यमंत्री ने राम राज बाबा नीब करौरी चैरिटेबल ट्रस्ट द्वारा हनुमत धाम के निर्माण के संकल्प की सराहना करते हुए इसे एक आध्यात्मिक युग का सूत्रपात बताया। उन्होंने कहा कि कैंची धाम की ख्याति आज देश और विदेश में फैल चुकी है और लोग बाबा के संदेशों और अनुभूतियों से प्रेरणा प्राप्त कर रहे हैं। ऐसे में भोपाल का यह हनुमत धाम केवल एक मंदिर नहीं बल्कि ध्यान, श्रद्धा और साधना का केंद्र बनेगा, जहां प्रदेश और पड़ोसी राज्यों से श्रद्धालु बाबा का आशीर्वाद लेने आएंगे।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने डॉ. बृजेश श्रीवास्तव द्वारा हनुमत धाम के लिए भूमि समर्पित करने की प्रशंसा करते हुए इस भूमि दान को समाज के लिए प्रेरणादायक और अनुकरणीय बताया। उन्होंने कहा कि यह कार्य न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि सामाजिक सहभागिता और आध्यात्मिक एकता का भी प्रतीक है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि यह धाम आने वाले समय में भोपाल और मध्यप्रदेश की आध्यात्मिक चेतना और सांस्कृतिक पहचान का सशक्त केंद्र बनेगा।