मध्य प्रदेश में उर्दू नाम वाले गांवों के नाम बदलने को लेकर चल रहा विवाद अभी तक थमा नहीं है। अब देवास जिले के 54 गांवों के नाम बदलने की योजना सामने आई है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने बीजेपी नेताओं की मांग पर इन गांवों के नाम बदलने की प्रक्रिया को मंजूरी दे दी है। ये गांव देवास जिले की विभिन्न तहसीलों में स्थित हैं।
यह योजना सोनकच्छ विधानसभा क्षेत्र के ग्राम पीपल रावा में एक कार्यक्रम के दौरान सामने आई, जहां मुख्यमंत्री लाडली बहन योजना के तहत एक करोड़ 27 लाख रुपये लाडली बहनों के खातों में जमा करने के लिए देवास पहुंचे थे। इस दौरान बीजेपी जिला अध्यक्ष राय सिंह सेंधव ने मुख्यमंत्री से 54 गांवों के नाम बदलने की मांग की। उनका कहना था कि यह कदम भारतीय संस्कृति की पुनर्स्थापना की दिशा में महत्वपूर्ण होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उर्दू शब्द वाले गांवों के नाम बदलने की योजना लंबे समय से सरकार के सामने है और जल्द ही इन गांवों के नाम बदल दिए जाएंगे।
यहां उन गांवों के नामों की सूची दी जा रही है, जिनका नाम बदलने की मांग की गई है:
- मुरादपुर → मुरलीपुरा
- हैदरपुर → हीरापुर
- शमशाबाद → श्यामपुर
- आमला ताज → आमला सिरमौर
- हाजीपुर → हर्षपुर
- रांडीपुरा → रानीपुर
- इस्माइल खेड़ी → ईश्वर खेड़ी
- जलालखेड़ी → शिवगढ़
- मोची खेड़ी → मोहनपुर
- इस्लामनगर → ईश्वर नगर
- घटिया गयासुर → देवधाम घटिया
- पीर पाडल्या → पवन पाडल्या
- चांदगढ़ → चंद्रगढ़
- खोन पूर पिपलिया → फॉर्म पिपलिया
- मोहम्मदपुर → मोहनपुर
- अजीज खेड़ा → अजीत खेड़ा
- आजमपुर → अवधपुरी
- अलीपुर → रामपुर
- बापचा नायता → वापचा पुरा
- नबीपुर → नयापुरा
- मिर्जापुर → मीरपुर
- अकबरपुर → अंबिकापुर
- सालम खेड़ी → सावन खेड़ी
- निजामडी → नीमखेड़ी
- फतेहपुर खेड़ा → विजयपुर खेड़ा
- फतेहपुर → विजयपुर
- कल्लू खेड़ी → कालू खेड़ी
- मोहम्मद खेड़ा → मोहन खेड़ा
- निपानिया हूर → निपानिया हर
- मोहम्मदपुर → गंगानगर
- मिर्जापुर → मीरा नगर
- नसीराबाद → द्वारकापुरी
- रसूलपुर → रामपुर
- इस्लाम खेड़ी → ईश्वरपुर
- पिपलिया जान → खेड़ा पिपलिया
- मौला → मोहनपुर
- मिर्जापुर → मीरापुर
- संदलपुर → चंदनपुर
- सलामतपुर → श्रीरामपुर
- सिकंदर खेड़ी → शिव खेड़ी
- दावत → देवनगर
- कांटा फोड़ → कांता फोड़
बीजेपी नेताओं की इस मांग के बाद मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने स्पष्ट किया कि यह नामकरण योजना जल्द लागू की जाएगी, और उर्दू शब्दों वाले इन गांवों के नामों को बदलने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।