मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने कहा है कि हिंदू छात्रों को तिलक लगाने या कलावा बाँधने से स्कूल में नहीं रोका जा सकता। इसी तरह हिंदू या जैन छात्राओं को हिजाब जैसे इस्लामी पोशाक पहनने को मजबूर नहीं किया जा सकता। हाई कोर्ट ने यह टिप्पणी 30 अगस्त 2023 को दमोह के गंगा जमुना हायर सेकेंडरी स्कूल से जुड़े मामले की सुनवाई के दौरान की।
इस सुनवाई के दौरान जस्टिस दिनेश कुमार पालीवाल की एकल बेंच ने स्कूल के प्रबंधकों को 50 हजार रुपए के निजी मुचलके पर जमानत भी दी। 31 मई 2023 को इस के 11 सदस्यों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) और किशोर न्याय अधिनियम की धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज की गई थी।
जस्टिस दिनेश कुमार पालीवाल की सिंगल बेंच ने स्कूल कमेटी के सदस्यों आसफा शेख, अनस अतहर और रुस्तम अली को जमानत देते हुए कहा, “स्कूल में छात्रों को अपने धर्म से जुड़ी चीजें जैसे कलावा पहनने और माथे पर तिलक लगाने से नहीं रोकना चाहिए। अन्य धर्म के छात्रों को ऐसी किसी भी सामग्री या भाषा को पढ़ने या अध्ययन करने के लिए मजबूर नहीं किया जाए जो मध्य प्रदेश शिक्षा बोर्ड द्वारा निर्धारित या अनुमोदित नहीं है।”
अपने निर्देशों में जस्टिस पालीवाल ने कहा, “स्कूल प्रशासन अन्य धर्म यानी हिंदू और जैन आदि की छात्राओं को स्कूल परिसर या क्लास रूम में कहीं भी सिर पर स्कार्फ (हिजाब) पहनने के लिए मजबूर नहीं करेगा। यह निर्देशित किया जाता है कि वे जमानत में जिक्र की गई सभी शर्तों का भी पालन करेंगे।”