मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने हिंसा प्रभावित किर्गिस्तान में फंसे अपने राज्य के छात्रों से मोबाइल फोन के जरिए बात की। मुख्यमंत्री ने छात्रों को सुरक्षा का आश्वासन दिया। वहीं, किर्गिस्तान में पढ़ रहे मध्य प्रदेश के छात्रों के अभिभावकों ने उस देश की राजधानी बिश्केक में स्थानीय लोगों और विदेशियों के बीच झड़प की खबरों के बीच केंद्र से अपने बच्चों की सुरक्षित वापसी सुनिश्चित करने का आग्रह किया है।
15 हजार पढ़ते हैं छात्र
एक अनुमान के अनुसार किर्गिस्तान में भारत के लगभग 15,000 छात्र पढ़ रहे हैं। ऐसे ही एक छात्र की मां अलका सोलंकी ने मंगलवार को पीटीआई-भाषा से कहा कि उनका बेटा मध्य एशियाई देश में मेडिकल का छात्र है। उन्होंने कहा, पिछले दो दिन में उस देश में जो कुछ हुआ, उससे मेरा बेटा डरा हुआ है। मैं बस यही चाहती हूं कि मेरा बेटा अन्य छात्रों के साथ सुरक्षित घर लौट आए। मैंने अपने बेटे से बात की है। छात्रों को बाहर जाने की अनुमति नहीं है। वे डरे हुए हैं।
#WATCH | Bhopal: Madhya Pradesh CM Mohan Yadav speaks to the students of his state who are stuck in the violence-affected Kyrgyz Republic, through mobile phone. The Chief Minister assured security to the students. pic.twitter.com/eCa1YHRnP9
— ANI (@ANI) May 21, 2024
परिजनों ने सरकार से की ये अपील
चेन सिंह चौधरी का बेटा भी वहां मेडिकल की पढ़ाई कर रहा है। उन्होंने दावा किया कि छेड़छाड़ की एक घटना को लेकर स्थानीय लोगों और मिस्र के कुछ छात्रों के बीच झगड़ा हुआ था, जिसके बाद स्थानीय लोगों ने विदेशी छात्रों पर हमला शुरू कर दिया। उन्होंने कहा, “हम प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री मोहन यादव से छात्रों की सुरक्षित वापसी सुनिश्चित करने का अनुरोध करते हैं।
18 मई को हुआ था विवाद
स्थानीय लोगों और विदेशियों के बीच 18 मई को झगड़ा होने की सूचना मिलने के बाद भारत ने बिश्केक में अपने छात्रों को घरों के अंदर ही रहने के लिए कहा। लीना सराठे का बेटा रवि तीसरे वर्ष का मेडिकल छात्र है। उन्होंने कहा, “बिश्केक की स्थिति के कारण मेरा बेटा और अन्य छात्र डरे हुए हैं। मैं चाहती हूं कि मेरा बेटा सुरक्षित घर लौट आए।