कमल मस्जिद या सरस्वती मंदिर? आखिर धार की ऐतिहासिक भोजशाला का इतिहास है क्या। इसके बारे में जानने के लिए मध्यप्रदेश हाईकोर्ट की इंदौर बेंच के आदेश पर ASI 22 मार्च से लगातार सर्वे कर रही है।
आज सर्वे के पांचवें दिन यानी मंगलवार को यहां हिंदू पक्ष भगवान हनुमान का चालीसा और अन्य पाठ करेगी। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग द्वारा हिंदू समाज को आज पूजा-पाठ करने की अनुमति दी गई है।
आज क्या-क्या होगा?
- भोजशाला में आज सुबह से लेकर शाम तक पूजा जारी रहेगी।
- पूजा-पाठ के साथ-साथ ASI का सर्वे कार्य भी जारी रहेगा।
- चार दिन का सर्वे कार्य पूरा हो चुका है।
#WATCH | A team of the Archaeological Survey of India (ASI) arrives at Bhojshala Complex in Dhar, Madhya Pradesh to conduct the survey which began on 22nd March
For Hindus, the Bhojshala Complex is a temple dedicated to Goddess Vagdevi (Saraswati), while for Muslims, it is the… pic.twitter.com/D28uQSz9zV
— ANI (@ANI) March 26, 2024
सर्वे का पांचवां दिन आज
आज सर्वे का पांचवां दिन है और ASI की टीम सुबह 8 बजे भोजशाला पहुंच गई है। माना जा रहा है कि आज टीम इमारत के पिछले भाग में दिनभर सर्वे करेगी ताकि किसी भी तरह से हिंदू समाज के लोगों को परेशानी का सामना नहीं करना पड़े। दोनों ही पक्ष की मौजूदगी में यह सर्वे भीतरी परिसर में करना संभव नहीं है। इसी को देखते हुए आज परिसर के पिछले भाग का सर्वे किया जाएगा।
क्या कहता है दोनों पक्ष?
बता दें कि हिंदुओं के लिए, भोजशाला परिसर देवी वाग्देवी (सरस्वती) को समर्पित एक मंदिर है, जबकि मुसलमानों के लिए यह कमल मौला मस्जिद का स्थान है। 2003 में एक व्यवस्था के अनुसार, हिंदू मंगलवार को सूर्योदय से सूर्यास्त तक परिसर में पूजा करते हैं जबकि मुस्लिम शुक्रवार को दोपहर 1 बजे से 3 बजे तक नमाज अदा करते हैं।