मध्य प्रदेश में मदरसों में गैर मुस्लिम बच्चों को मजहबी शिक्षा दिए जाने के मामले में पहली बार मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने भी कार्रवाई की बात कही है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में संवैधानिक प्रावधानों के विपरीत चलने वाले मदरसे हर हाल में बंद किए जाएंगे। हिंदू बच्चों के नाम फर्जीवाड़ा करके अनुदान प्राप्त करने वाले मदरसों की मान्यता भी समाप्त होगी। उनके संचालकों पर वैधानिक कार्रवाई भी की जाएगी।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने मंगलवार शाम को मंत्रालय में हुई मंत्रि-परिषद की बैठक के दौरान मंत्रियों को संबोधित करते हुए यह बात कही। उन्होंने कहा कि मदरसों में अन्य धर्म की शिक्षा पर प्रतिबंध के संबंध में स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा निर्देश जारी किए गए हैं। संविधान के अनुच्छेद 28 (3) के प्रावधान के अनुसार मदरसों में अध्ययनरत बच्चों को उनके धर्म की शिक्षा के विपरीत अन्य मजहब की शिक्षा ग्रहण करने अथवा उपासना में उपस्थित होने को बाध्य करने वाले मदरसों के सभी शासकीय अनुदान बंद किए जाएंगे। ऐसे मदरसों की मान्यता समाप्त करने की विधिवत कार्यवाही सहित अन्य उपयुक्त वैधानिक कार्यवाही भी सुनिश्चित की जाएगी।
गौरतलब है कि राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग की शिकायत पर हो रही जांच में यह मामला सामने आया कि प्रदेश के मदरसों में नौ हजार से अधिक हिंदू बच्चों के नाम दर्ज हैं। इसी आधार पर श्योपुर जिले में 56 मदरसों की मान्यता समाप्त की गई है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि भ्रष्टाचार के विरुद्ध तंत्र को मजबूत करने के लिए प्रदेश में आर्थिक अपराध अन्वेषण प्रकोष्ठ और लोकायुक्त की इकाइयों को बढ़ाया जाएगा। जिन संभागीय मुख्यालयों में इनके कार्यालय नहीं हैं, वहां प्रारंभ किए जाएंगे। मुख्यमंत्री ने सभी मंत्रियों को अपने-अपने प्रभार वाले जिले में प्रतिमाह दौरा करने के निर्देश भी दिए। उन्होंने कहा कि दौरे के दौरान रात्रि विश्राम भी वहीं करें।