मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में हुई मंत्रिपरिषद की बैठक में मध्यप्रदेश के लिए कई महत्वपूर्ण फैसलों पर मुहर लगी है। ये निर्णय विकास, खेल सम्मान, प्रशासनिक सुधार और पेंशन प्रणाली को सुदृढ़ करने जैसे विभिन्न क्षेत्रों से संबंधित हैं।
बैठक के प्रमुख निर्णय इस प्रकार हैं:पचमढ़ी नजूल भूमि को अभयारण्य से मुक्त किया गयापैरा-ओलम्पिक पदक विजेताओं को 1 करोड़ रुपये सम्मान राशिराज्य केंद्रीयकृत पेंशन प्रोसेसिंग सेल का गठननवगठित जिलों में पदों की स्वीकृति🔹 जिला आपूर्ति अधिकारी कार्यालय की स्थापना (मऊगंज, मैहर, पांढुर्णा)🔹 नाप-तौल कार्यालय की स्थापना (निवाड़ी, मऊगंज, मैहर, पांढुर्णा)निष्कर्ष:
बैठक के प्रमुख निर्णय इस प्रकार हैं:
पचमढ़ी नजूल भूमि को अभयारण्य से मुक्त किया गया
- रकबा: 395.931 हेक्टेयर (पचमढ़ी नगर का नजूल क्षेत्र)
- प्रशासनिक नियंत्रण: साडा (विशेष क्षेत्र विकास प्राधिकरण)
- अब यह पचमढ़ी अभयारण्य की सीमा से बाहर होगा।
- इसका उद्देश्य शहरी विकास और भूमि उपयोग को सरल बनाना है।
पैरा-ओलम्पिक पदक विजेताओं को 1 करोड़ रुपये सम्मान राशि
- खिलाड़ी:
- रूबिना फ्रांसिस – शूटिंग (कांस्य पदक)
- कपिल परमार – ब्लाइंड जूडो (कांस्य पदक)
- पूर्व घोषित राशि ₹50 लाख में अतिरिक्त ₹50 लाख की स्वीकृति, कुल ₹1 करोड़ का सम्मान।
राज्य केंद्रीयकृत पेंशन प्रोसेसिंग सेल का गठन
- उद्देश्य: पेंशन प्रकरणों के त्वरित और पारदर्शी निराकरण हेतु।
- संरचना:
- 2 वर्षों के लिए अस्थायी रूप से जिला एवं संभागीय पेंशन कार्यालय बने रहेंगे।
- यह संरचना पेंशन समाधान केंद्र के रूप में काम करेगी।
- वित्तीय भार: ₹5 करोड़ (अनावर्ती खर्च)
नवगठित जिलों में पदों की स्वीकृति
🔹 जिला आपूर्ति अधिकारी कार्यालय की स्थापना (मऊगंज, मैहर, पांढुर्णा)
- कुल 16 पदों की स्वीकृति
- जिला आपूर्ति अधिकारी, सहायक अधिकारी, कनिष्ठ अधिकारी, लेखापाल, भृत्य आदि शामिल।
🔹 नाप-तौल कार्यालय की स्थापना (निवाड़ी, मऊगंज, मैहर, पांढुर्णा)
- कुल 13 पदों की स्वीकृति
- निरीक्षक, सहायक ग्रेड-3, श्रम सहायक आदि पद स्वीकृत।
निष्कर्ष:
ये निर्णय प्रदेश के खेल, प्रशासनिक सुधार, सेवा वितरण और भविष्य सुरक्षित करने की दिशा में मजबूत कदम हैं। साथ ही, पैरा-एथलीट्स को सम्मान देना समावेशी समाज की ओर एक सशक्त संकेत है।