मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व को ध्यान में रखते हुए राज्य के तीन गांवों के नाम बदलने की घोषणा की। यह कदम क्षेत्र की धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षित करने और उसके महत्व को उजागर करने की दिशा में महत्वपूर्ण है। आइए इस फैसले और इससे जुड़े पहलुओं को विस्तार से समझते हैं:
गांवों के नए नाम और उनका महत्व
- गजनीखेड़ी → चामुंडा महानगरी
- इस नामकरण का आधार चामुंडा माता मंदिर है, जो गुप्तकालीन मंदिरों में से एक है और अत्यंत पवित्र स्थान माना जाता है।
- चामुंडा देवी का मंदिर ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, जहां शारदीय नवरात्रि के दौरान हजारों भक्त दर्शन के लिए आते हैं।
- यह स्थान इंदौर और निमाड़ क्षेत्र के कई परिवारों की कुलदेवी का भी केंद्र है।
- मंदिर में दुर्लभ मूर्तियां, जैसे शेषशायी गणेशजी और स्कंद माता की प्रतिमा, इसे पुरातत्वीय दृष्टि से भी महत्वपूर्ण बनाती हैं।
- मौलाना → विक्रम नगर
- मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने गांव के नाम को बदलने का कारण इसकी असंगति और ऐतिहासिक संदर्भों की कमी बताया।
- नया नाम विक्रम नगर उज्जैन के राजा विक्रमादित्य की समृद्ध विरासत का प्रतीक है, जो भारतीय इतिहास में एक आदर्श शासक माने जाते हैं।
- जहांगीरपुर → जगदीशपुर
- नाम परिवर्तन का उद्देश्य क्षेत्र की पहचान को धार्मिक और सांस्कृतिक परंपराओं से जोड़ना है।
- नया नाम जगदीशपुर, भगवान विष्णु (जगदीश) को समर्पित है, जो भारतीय धार्मिक परंपरा में महत्वपूर्ण स्थान रखते हैं।
सीएम राइज स्कूल और अटल बिहारी वाजपेयी का सम्मान
- मुख्यमंत्री ने गजनीखेड़ी में 40 करोड़ रुपये की लागत से नवनिर्मित सीएम राइज स्कूल का शुभारंभ किया।
- इस स्कूल का नाम पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर रखा गया है।
- डॉ. यादव ने इसे युवाओं के स्वर्णिम भविष्य की नींव बताया और हर वर्ग के लिए उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा तक पहुंच सुनिश्चित करने की प्रतिबद्धता जताई।
नाम परिवर्तन का व्यापक परिप्रेक्ष्य
- डॉ. यादव ने तर्क दिया कि जैसे मुंबई और चेन्नई जैसे बड़े शहरों के नाम बदले गए, वैसे ही पंचायतों और गांवों के नाम बदलकर उन्हें उनके ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व से जोड़ा जा सकता है।
- जुलाई 2024 में भी मध्य प्रदेश सरकार ने कुंडम → कुंडेश्वर धाम, कूंची → चंदनगढ़, और कुंडिया → कर्णपुर जैसे नाम परिवर्तन किए थे, जिन्हें अधिसूचित और लागू कर दिया गया।
धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व
- नाम परिवर्तन के माध्यम से राज्य की प्राचीन धरोहर को संजोने और प्रचारित करने की पहल की जा रही है।
- यह कदम धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने और स्थानीय संस्कृति को राष्ट्रीय स्तर पर प्रस्तुत करने का भी एक प्रयास है।
मुख्यमंत्री का दृष्टिकोण
डॉ. मोहन यादव ने नाम बदलने के फैसले को गांवों की नई पहचान और विकास से जोड़ते हुए इसे क्षेत्र की सांस्कृतिक विरासत का संरक्षण बताया। यह कदम न केवल ऐतिहासिक धरोहर को संरक्षित करेगा, बल्कि सामाजिक और आर्थिक विकास में भी सहायक होगा।