भोपाल में मध्य प्रदेश की 16वीं विधानसभा का पहला बजट सत्र चल रहा है. बुधवार को सदन में नर्मदा नदी के दूषित पानी पर हंगामा हुआ. नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने बीजेपी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि 18 साल से मध्य प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी की सरकार है लेकिन अब तक मां नर्मदा में गंदगी मिल रही है. बीजेपी धर्म की बात करती है लेकिन 18 साल में मां नर्मदा के लिए क्या किया.
उन्होंने कहा कि शिवराज डुबकी लगा-लगाकर कहते थे कि मां मैं तुम्हें गंदा नहीं होने दूंगा, अब क्या हुआ. कांग्रेस विधायक लखन घनघोरिया ने भी नर्मदा नदी के अशुद्ध जल का मुद्दा उठाया. जवाब में नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि यह कहना सही नहीं है कि नर्मदा नदी में गंदा पानी मिल रहा है. ग्वारीघाट बस्ती से निकलने वाले गंदे पानी को नर्मदा नदी में जाने से रोकने की व्यवस्था की गई है.
‘हम नर्मदा मैया को मां मानते हैं’
विजयवर्गीय ने कहा कि अन्य नालों का भी सर्वे करवाया जा रहा है. हमारी नर्मदा मैया पर बहुत श्रद्धा है. हम नर्मदा मैया को मां मानते हैं. नर्मदा नदी ने गंदे पानी को मिलने से रोकना सरकार की प्राथमिकता है. उन्होंने सदन को आश्वासन दिया कि यह तय किया जाएगा कि 2 साल में नर्मदा नदी में प्रदेश के किसी भी हिस्से से गंदा पानी ना मिले.
दो साल में गंदे नालों को नर्मदा में मिलने से रोकेंगे
कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि आज मध्य प्रदेश की विधानसभा में मुख्यमंत्री मोहन यादव के निर्देश पर हमने निर्णय लिया है. मां नर्मदा के पूरे मार्ग पर जितनी भी अर्बन बॉडी हैं वहां से मां नर्मदा में किसी भी प्रकार की गंदगी न जाए इसे लेकर हम कार्य योजना बना रहे हैं. उन्होंने घोषणा करते हुए कहा कि दो साल से भी कम समय में सरकार किसी भी अर्बन बॉडी से गंदगी को नर्मदा के पानी में मिलने से रोकेगी.
बर्दाश्त नहीं की जाएगी अमर्यादित भाषा
सदन में कांग्रेस विधायक घनघोरिया ने मां नर्मदा के लिए अमर्यादित भाषा का भी इस्तेमाल किया जिस पर बीजेपी विधायकों ने हंगामा किया और आपत्ति दर्ज कराई. लोक निर्माण मंत्री राकेश सिंह ने कहा कि इस तरह की अमर्यादित भाषा को कतई बर्दाश्त नहीं किया जा सकता. कैलाश विजयवर्गीय ने भी कांग्रेस विधायकों को सदन में मर्यादित भाषा का इस्तेमाल करने की सलाह दी.