मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा है कि राहुल गांधी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सामने माचिस की तीली के बराबर भी नहीं हैं। उनमें राजनीतिक अनुभव की कमी है। एक इंटरव्यू में उन्होंने यह बात कही। साथ ही उन्होंने और आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद के इस दावे के लिए उनकी आलोचना की कि लोकसभा चुनाव के बाद मोदी सरकार सत्ता से बाहर हो जाएगी। उन्होंने कहा कि इससे बड़ा मजाक और कोई नहीं हो सकता। यादव ने यह भी कहा कि वायनाड के सांसद गांधी प्रधानमंत्री बनने का सपना देख रहे हैं, लेकिन उत्तर प्रदेश के अमेठी से चुनाव लड़ने का साहस उनमें नहीं है।
दिन में ख्वाब देखने जैसा
यह पूछे जाने पर कि क्या राहुल गांधी को अपनी दादी इंदिरा गांधी की तरह शासन का कुछ अनुभव प्राप्त करना चाहिए था, यादव ने कहा, “उनके पास न तो मंत्री पद का अनुभव है, न ही पार्टी अध्यक्ष का (पद संभालने से पहले) और न ही राजनीति का। जिस तरह से वे बात करते हैं। विपक्ष का भी कुछ स्तर होना चाहिए, खासकर किसी शख्सियत (मोदी का जिक्र करते हुए) के सामने। वह (गांधी) सूरज के सामने दीपक भी नहीं हैं।” यादव ने कहा, “उनकी (गांधी की) ताकत माचिस की एक तीली के बराबर भी नहीं है, लेकिन वह खुद को सूरज की रोशनी के जैसा दिखाना चाहते हैं। इसलिए यह दिन में ख्वाब देखने जैसा है और कोई भी उन्हें ऐसा करने से नहीं रोक सकता।” भाजपा नेता ने जाहिर तौर पर 2014 और 2019 के चुनावों में कांग्रेस की हार का जिक्र करते हुए कहा कि राहुल गांधी दो बार गलत साबित हुए हैं।
इस बार लक्ष्य 400 के पार
उन्होंने कहा, “इसके विपरीत मोदी ने 2014 से पहले कहा था कि वह पूर्ण बहुमत के साथ सरकार बनाएंगे क्योंकि जनता उन्हें आशीर्वाद दे रही है और ऐसा ही हुआ।” उन्होंने कहा कि यह पहली बार था जब 60 साल में देश में गैर-कांग्रेसी बहुमत वाली सरकार सत्ता में आई। यादव ने कहा, “दूसरी बार भी भाजपा नेतृत्व ने 300 (सीटों) का लक्ष्य रखा और ऐसा हुआ। इस बार लक्ष्य 400 के पार है और यह पहले से ही दिख रहा है क्योंकि अब केवल एक चरण (आम चुनाव का) बचा है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी विनम्रता के साथ लोगों के सामने अपनी बातें रख रहे हैं। उन्होंने कहा, “लोग उन्हें (विपक्ष) देख रहे हैं। अब तो पाकिस्तान के नेता भी उनका समर्थन कर रहे हैं। मैंने और मोदी जी ने कई इंटरव्यू में एक बार भी पाकिस्तान का नाम नहीं लिया, लेकिन उनकी (विपक्ष की) गंभीरता देखिए।” उन्होंने कहा कि देश के लोग “21वीं सदी का भारत” बनाना चाहते हैं। वे देश को आगे ले जाना चाहते हैं क्योंकि विपक्ष के लिए ऐसा करना संभव नहीं है।
निम्नस्तरीय भाषा का कर रहे इस्तेमाल
राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए यादव ने कहा, ”मोदी के खिलाफ जिस तरह की निम्नस्तरीय भाषा का वह इस्तेमाल कर रहे हैं, देश की जनता उन्हें छह चरणों में करारा जवाब दे चुकी है और एक जून को अंतिम चरण में भी इसका असर दिखेगा।’’ राहुल गांधी और लालू प्रसाद द्वारा यह दावा किए जाने पर कि भाजपा नीत सरकार चार जून को मतगणना के दिन सत्ता से बाहर हो जाएगी, यादव ने कहा, “मैं इसे एक मजाक से अधिक नहीं मानता और जरा देखो तो ये कौन कह रहा है। आपने राहुल गांधी का जिक्र किया 2014 से पहले वे 235 से अधिक सांसदों के साथ सत्ता में थे। लेकिन उनके नेतृत्व में यह घटकर 115 रह गई, जो उस वक्त असंभव बात थी।’’
राहुल अमेठी से भाग गए
यादव ने कहा कि उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी के लिए “मौत का सौदागर” जैसे शब्दों का इस्तेमाल किया, लेकिन लोगों ने उनकी सरकार को हरा दिया और उनकी सीटें घटकर 115 रह गईं। वर्ष 2019 में उन्होंने और भी गंदी भाषा का इस्तेमाल किया और उनकी सीटें 115 से घटकर “52 सीटों वाली बस” हो गईं। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि राहुल गांधी 2024 में अमेठी (लोकसभा चुनाव) से “भाग गए”। उन्होंने कहा, ‘‘आपके पास अपनी दो सीटें हैं- अमेठी और रायबरेली। आप प्रधानमंत्री बनने का सपना देख रहे हैं, लेकिन आपके पास हिम्मत नहीं है। आपकी मां (सोनिया गांधी) में भी चुनाव लड़ने की हिम्मत नहीं है। पहले, आपने (अमेठी से) चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया और बाद में आपकी मां ने भी (रायबरेली से) लड़ने से इनकार कर दिया।’’
अंदर से बहुत डरे हुए हैं
यादव ने पूछा, “तो आप अपने पार्टी के कार्यकर्ताओं को क्या संदेश दे रहे हैं?” उन्होंने कहा कि रायबरेली में कांग्रेस ने जीत दर्ज की, गांधी अब वायनाड से “भाग गए हैं” और वापस आ रहे हैं (अमेठी की बजाय रायबरेली से चुनाव लड़ने के लिए)। उन्होंने कहा, “न तो आप अमेठी से चुनाव लड़ रहे हैं, न ही आप अपनी बहन (प्रियंका गांधी वाद्रा) को वहां से चुनाव लड़ा पा रहे हैं। इसके बजाय, आप रायबरेली से चुनाव लड़ रहे हैं, जिसका मतलब है वे अंदर से बहुत डरे हुए हैं और वे कुछ नहीं कह रहे हैं लेकिन यह उनका डर है जो (उनके भाषणों में) सामने आ रहा है।” लालू प्रसाद पर निशाना साधते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि राजद प्रमुख किसी अन्य (राज्य) के बारे में बात करने में असमर्थ हैं और बिहार में भी अपने ‘ट्रैक रिकॉर्ड’ के कारण वह एक भी सीट पर चुनाव नहीं लड़ पा रहे हैं। यह पूछे जाने पर कि क्या वे राहुल गांधी को परिपक्व नेता मानते हैं, यादव ने कहा, “सिर्फ मैं ही नहीं, बल्कि पूरा देश उन्हें (परिपक्व) नहीं मानता।’’ राहुल गांधी के इस दावे पर कि वे गरीबी को ‘खटाखट-खटाखट’ मिटा देंगे, यादव ने कहा, “यह कोई फिल्मी डायलॉग नहीं है। यह काम नहीं करेगा और किसी को भी थोड़ी बुद्धि का इस्तेमाल करते हुए पूरी समझ के साथ बात करनी चाहिए।’’ उन्होंने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि कांग्रेस को इसकी कीमत चुकानी पड़ रही है क्योंकि उसके नेतृत्व में इन सभी मुद्दों की समझ का अभाव है।