प्रदेश के अधिकांश हिस्सों में तेज और मध्यम बारिश का दौर जारी है। लगातार बारिश के चलते बड़वानी में नर्मदा नदी का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर पहुंच गया है, वहीं अन्य नदी-नाले भी उफान पर हैं। मौसम विभाग ने शनिवार को इंदौर, जबलपुर समेत प्रदेश के 29 जिलों में तेज बारिश होने की आशंका जताई है। अन्य जिलों में हल्की बारिश हो सकती है।
मध्यप्रदेश के कई इलाकों में पिछले 24 घंटे से बारिश का दौर जारी है। भोपाल में शुक्रवार दोपहर से ही तेज बारिश तो इंदौर में रिमझिम होती रही। नर्मदापुरम, रायसेन, पचमढ़ी, छिंदवाड़ा, गुना, उज्जैन और सागर में भी हल्की बारिश का दौर चलता रहा। मौसम विभाग के अनुसार शुक्रवार को नर्मदापुरम में 9 घंटे में 2 इंच के करीब बारिश हो गई। वहीं, इंदौर में 20.2 मिमी, रायसेन में 14 मिमी, पचमढ़ी में 10 मिमी, भोपाल में 8.5 मिमी, छिंदवाड़ा में 8 मिमी, गुना में 6 मिमी बारिश हुई। उज्जैन और सागर में भी हल्की बूंदाबांदी का दौर चलता रहा।
लगातार बारिश के चलते शनिवार सुबह बड़वानी के राजघाट में नर्मदा का जलस्तर 125 मीटर तक पहुंच गया। यह खतरे के निशान से डेढ़ मीटर ऊपर है। नए घाट तक पानी आने लगा है। तटीय गांवों में बाढ़ का खतरा है। भोपाल में भी बड़े तालाब का लेवल आधा फीट बढ़ गया है। यह कैचमेंट एरिया में पिछले 48 घंटे में अच्छी बारिश के चलते हुआ। बड़े तालाब को भरने वाली कोलांस नदी में 4 फीट से ज्यादा पानी आ गया। पिछले 5 दिन में केरवा, कलियासोत और कोलार डैम के लेवल में भी इजाफा हुआ है। शाजापुर में लखंदर नदी में उफान आने पर पुलिया डूब गई है।
मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार मध्य उत्तरप्रदेश के दक्षिणी हिस्से में साइक्लोनिक सकुर्लेशन बना है। एक ट्रफ लाइन पश्चिमी मध्यप्रदेश से गुजर रही है। इससे बारिश हो रही है। कई जिलों में भारी बारिश भी हो रही है। अगले दो दिन पश्चिमी मध्यप्रदेश में तेज बारिश होने का अनुमान है। इसके बाद सिस्टम पूर्वी मध्यप्रदेश की ओर शिफ्ट होगा। इससे वहां भी तेज बारिश होगी।