इस्लामिक मतान्धता किस तरह हावी करने का प्रयास हो रहा है, इसके एक के बाद एक खुलासे देशभर से लगातार हो रहे हैं। कभी हाथ में कलावा, कभी नाम बदलकर धोखा देना, तिलक लगाकर पहचान छिपाने के बाद अब नया ट्रेंड जो तेजी से आ रहा है, वह स्कूली शिक्षा में ब्रेनवॉश करने का है। इसके लिए फिल्म ‘केरल स्टोरी’ में दिखाए गए हिन्दू आस्था केंद्रों एवं देवी-देवताओं पर आधे-अधूरे ऐसे प्रश्न खड़े करना कि बच्चे को अपने धर्म से ही घृणा हो जाए और वे जानें-अनजानें इस्लाम के करीब आ जाएं। इसके साथ ही दूसरी ओर किसी हद तक शासन की कमियां भी सामने आ रही हैं। जैसे मदरसों में हिन्दू बच्चों का पढ़ना और उसमें भी उनका मदरसा पाठ्यक्रम के अनुसार उन्हें अरबी दीनयात का पढ़ाया जाना जो कि उनके लिए एच्छिक होना चाहिए था, जबकि यह पढ़ाना यहां अनिवार्य है। जिसके कारण से शासन के आर्थिक सहयोग से चल रहे मदरसों में ही इन हिन्दू बच्चों का ब्रेनवॉश हो जाता है और समय के साथ बालिग होते-होते ये पूरी तरह से मतान्तरित हो चुके होते हैं।
इस मामले में मध्य प्रदेश के दमोह जिले से जुड़ा एक मामला सामने आया है। हालांकि इस मामले में भी प्रशासन ने औपचारिकताएं पूरी करते हुए इसे दबाने का प्रयास किया है, किंतु सामने आए फोटो अपने आप में यह बताने के लिए पर्याप्त हैं कि कैसे-कैसे और किस हद तक जाकर हिन्दू परिवारों, युवाओं, महिला यहां तक कि बच्चों तक को टार्गेट किया जाकर उनका ब्रेनवॉश किया जा रहा है। बच्चों के मदरसों में पढ़ना तो एक विषय है, किंतु अब फोकस उन स्कूलों में भी हो रहा है जोकि स्कूली शिक्षा के अंतर्गत अन्य हिन्दी-अंग्रेजी समान्य एवं विशेष विद्यालय में बोर्ड एजुकेशन से संचालित हैं।
दरअसल, ऐसे ही एक दमोह में संचालित स्कूल गंगा-जमुना हायर सेकेंडरी का विवादित मामला सामने आया है, जिसमें हिन्दू बच्चियों के फोटो हिजाब और बुरखा पहने हुए स्कूल के गेट पर ही लगा दिए गए थे। लेकिन जब इस मामले पर हिन्दू संगठनों ने आपत्ति ली और कुछ हिन्दू परिवारों ने सीधे राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो एवं मप्र राज्य संरक्षण आयोग (एससीपीसीआर) के सदस्य ओंकार सिंह, डॉ. निवेदिता शर्मा को बताया तो प्रशासन हरकत में आया और पूरे मामले को दबाने का प्रयास होने लगा।
इस सबंध में एससीपीसीआर अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो ने जब सोशल मीडिया ट्विटर के माध्यम से सार्वजनिक तौर पर जानकारी दी कि ”मध्यप्रदेश के दमोह ज़िले में एक स्कूल द्वारा हिंदू और अन्य ग़ैर मुस्लिम बच्चियों को स्कूल यूनीफ़ॉर्म के नाम पर जबरन बुरखा व हिजाब पहनाये जाने की शिकायत प्राप्त हुई है। इसका संज्ञान लिया जा रहा है एवं आवश्यक कार्रवाई हेतु कलेक्टर दमोह व पुलिस अधीक्षक दमोह को निर्देश प्रेषित किए जा रहे हैं।”
फिलहाल मामला बढ़ने के बाद बुधवार को मध्य प्रदेश के गृहमंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने कलेक्टर द्वारा इस मामले में हुई जांच को दी गई क्लीन चिट को रोक दिया गया है। संपूर्ण तथ्यों को देख व समझकर उन्होंने कहा है, ”दमोह में गंगा जमुना स्कूल में हिंदू लड़कियों को हिजाब में दिखाने के मामले की जांच जिला शिक्षा अधिकारी से कराई गई है। मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस अधीक्षक को पूरे मामले की गहन जांच के निर्देश दिए गए हैं।”