होली के त्योहार पर उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर के गर्भगृह में भस्म आरती के वक्त गुलाल उड़ाए जाने के दौरान लगी आग से 14 लोगों के झुलसने की घटना से सबक लेते हुए प्रशासन रंगपंचमी के 30 मार्च को पड़ने वाले पर्व पर अलग-अलग एहतियाती उपाय करेगा. इस बीच आग की जांच को लेकर भी अपडेट आया है. महाकाल मंदिर के गर्भगृह में सोमवार, 25 मार्च की सुबह आग लग गई थी, जिसमें पुजारी सहित 14 लोग झुलस गए थे. आग कैसे लगी? इसकी मजिस्ट्रियल जांच शुरू हो गई है. उज्जैन कलेक्टर ने तीन दिन यानी गुरुवार तक रिपोर्ट मिलने की बात कही है.
अब ये उपाय करेगी मंदिर प्रबंधन समिति
प्रबंधन समिति द्वारा जो उपाय किए जाएंगे उनमें रंगपंचमी पर मंदिर में केवल हर्बल रंग को अनुमति दिए जाने के साथ ही भस्म आरती के दौरान श्रद्धालुओं की तादाद नियंत्रित किया जाना शामिल है. प्रशासन के एक अधिकारी ने मंगलवार को यह जानकारी दी.
उन्होंने बताया कि रंगपंचमी पर मंदिर परिसर में किसी भी श्रद्धालु को बाहर से रंग लाने की अनुमति नहीं होगी. नीरज कुमार सिंह ने बताया कि भोर के समय होने वाली भस्म आरती के दौरान रंग पंचमी पर श्रद्धालुओं की तादाद को नियंत्रित किया जाएगा.
इस बीच, इंदौर के श्री अरबिंदो इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (सैम्स) के संस्थापक अध्यक्ष डॉ. विनोद भंडारी ने बताया कि महाकालेश्वर मंदिर में हुए अग्निकांड में झुलसे लोगों में शामिल चार और लोगों को उनके अस्पताल में भर्ती कराया गया है. उन्होंने बताया, ‘हम अग्निकांड में झुलसे कुल 12 लोगों का इलाज कर रहे हैं. सभी मरीजों के स्वास्थ्य में सुधार हो रहा है. विशेषज्ञ चिकित्सक उनकी हालत पर नजर बनाए हुए हैं.”